किसानों को खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन

किसानों को खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन

लखनऊ। देशव्यापी लॉकडाउन में किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी कोई असुविधा ना हो, इसके लिये उत्तर प्रदेश सरकार निरन्तर ध्यान दे रही है। प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि गेहूं की कटाई प्रदेश में तेजी से हो रही हैं। कटाई के बाद गेहूं की खरीद के लिए प्रदेश सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों को गेहूं खरीद के सम्बन्ध में बिल्कुल भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

प्रमुख सचिव, खाद्य एवं रसद तथा कृषि, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, देवेश चतुर्वेदी ने विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा आगामी 15 अप्रैल से 5500 खरीद केंद्रों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपए प्रति कुंतल पर गेहूं खरीद की जायेगी। प्रदेश में गेहूं खरीद का लक्ष्य 55 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्रों पर अनावश्यक भीड़ न हों के दृष्टिगत ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था की गयी है। गेहूं बिक्री के लिये इच्छुक किसानों को केन्द्र प्रभारी से सम्पर्क कर अपना कृषक पंजीकरण नंबर बताकर अनुरोध करना होगा। इस पर केन्द्र प्रभारी द्वारा एक सप्ताह के अन्दर ऑनलाइन टोकन जनरेट सम्बन्धित किसान के मोबाइल नंबर पर एस0एम0एस0 के माध्यम से भेज दिया जायेगा।

प्रमुख सचिव, खाद्य एवं रसद तथा कृषि, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि क्रय केन्द्र प्रभारियों का जनपदवार विवरण खाद्य विभाग के पोर्टल पर 'खरीद सारांश' के लिंक पर 'गेहूं क्रय केन्द्रों का विवरण' पर उपलब्ध है। किसानों की सुविधा के दृष्टिगत उन्हें अपना आधार कार्ड ले जाने पर पूर्व से पंजीकृत न होने की दशा में क्रय केन्द्र प्रभारी द्वारा मौके पर ही उसके फोटो पहचान पत्र, बैंक पासबुक तथा खतौनी की प्रति के आधार पर उसका पंजीकरण किया जायेगा।

कोरोना के दृष्टिगत सभी क्रय केन्द्रों पर प्रभारी सहित कार्य करने वाले हैण्डलिंग एवं परिवहन ठेकेदारों को सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन सुनिश्चित करते हुये चेहरे को मास्क या गमछे से ढकने हेतु निर्देशित कर दिया गया है। साथ ही केन्द्रों पर हैण्ड सेनेटाइजर, साबुन-पानी इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रखने के भी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि विक्रय हेतु आने वाले किसानों को भी यह निर्देश दिये गये हैं कि वे अपने चेहरे को मास्क अथवा गमछे से ढककर ही आयें।

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