शिक्षक से राजनीति मेंं बिट्टू सिखेड़ा
मुजफ्फरनगर। बिट्टू सिखेड़ा हिन्दूत्व के हितों में काफी समय से समाजसेवा कर रहे है। इन्होंने काफी संगठन व राजनीति पार्टी से जुड़कर हिन्दू हितों के लिये कार्य किये, चाहे वो कार्य समाजसेवा से जुड़ा हो या राजनीति से प्रेरित हो बिट्टू सिखेड़ा अब शिव सेना हिन्दुस्तान के जिला प्रमुख है।
हिन्दूत्व हितों के कार्यो को हमेशा करते आये है और करते रहेगें
बिट्टू सिखेड़ा हिन्दूत्व की हितों के कार्यों में बहुत लग्न व मेहनत से कार्य करने में सफल रहे है, जिन्होने अपनी जिन्दगी का काफी समय हिन्दू हितों के कार्य व हिन्दूओं की समाजसेवा में निकाल दिया है। इनका कहना है कि वे हिन्दू हितों के कार्यो को हमेशा करते आये है और करते रहेगें चाहे वो समाजसेवा से जुड़ा हो या राजनीति से प्रेरित हो इनका जन्म 1 जनवरी 1970 को जिला मेरठ के मवाना में ओमकार सिंह शिक्षक के यहां हुआ था। बिट््टू की रूची बचपन से ही समाजसेवा में रही है। आसपास के लागों की समस्याओं का हल करना व गरीब लोगों की सहायता करने में इनकी रूची रही है।
राजनीति में पनपती गंदगी को देखा तो उनका मन विचलित हो उठा और उन्होंने राजनीति में आने का निश्चय किया
बिट्टू ने बताया कि जब भी कभी किसी गरीब को कोई परेशानी आती व कोई भी गरीब आदमी को सताता है तो मुझे परेशानी देखकर तकलीफ होती है जहां तक मुझसे होता है मै उनकी सहायता करता है। उनका कहना है कि जब उन्होने आस-पास बढ़ रही घटनाओं और राजनीति में पनपती गंदगी को देखा तो उनका मन विचलित हो उठा और उन्होंने राजनीति में आने का निश्चय किया और 1992 में बिट्टू सिखेड़ा ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली। जिसमें उन्हे मुलायम सिंह यादव यूथ बिग्रेड का जिला उपाध्यक्ष बनया था। बिट्टू ने उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाया।
समाजवादी पार्टी द्वारा एक तरफा व्यवहार व हिन्दूओं के खिलाफ दिये जाने वाले ब्यान ने मुझे पार्टी छोड़ने पर मजबूर कर दिया
बिट्टू ने बताया कि समाजवादी पार्टी द्वारा एक तरफा व्यवहार व हिन्दूओं के खिलाफ दिये जाने वाले ब्यान ने मुझे पार्टी छोड़ने पर मजबूर कर दिया। जिसके बाद बिट्टू सिखेड़ा ने पार्टी को छोड़ दिया और बाद में उन्होने राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ली। जिसमें बिट्टू को मण्डल अध्यक्ष राजीव बालियान ने राष्ट्रीय लोकदल पार्टी का मण्डल उपाध्यक्ष नियुक्त किया। जिससे चौधरी चरण सिंह के विचारों को बढ़ाया जा सके। बिट्टू ने बताया कि स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के जीवन से उन्हे राजनीति में काफी प्रेरणा मिली। देश सेवा कांवड़ शिविर में हिस्सा लेना उनकी प्राथमिकता रही है। बिट्टू सिखेड़ा की विधायक उमेश मलिक के साथ अलनूर मीट प्लांट के आन्दोलन में अच्छी भूमिका रही।
1998 से 2018 तक आरएसएस के सक्रिय कार्यकर्ता रहे
बिट्टू ने बताया कि मुजफ्फरनगर दंगें के समय वो भारतीय इण्टर काॅलेज नंगला मंदौड में शिक्षक थे और बिट्टू के पिता ओमकार सिंह 1992 में कृषक इण्टर काॅलेज मवाना में शिक्षक थे। बिट्टू भारतीय इण्टर काॅलेज में 1998 से 2013 तक शिक्षक रहे है उनका कहना है कि गौरव भी भारतीय इण्टर काॅलेज में कक्षा 11 में पढता था और 27 अगस्त 2013 को गौरव मेरे पास आया और उसने मुझसे बहन की कक्षा के आगे के पीरियड खाली बताया इसके साथ ही उसने कहा कि मेरा छठा पीरियड खाली है और कोई शिक्षक नहीं है जिस कारण उसको किसी काम से जाना है और गौरव छुट्टी लेकर चला गया। अगलेे दिन बिट्टू को पता लगा कि गौरव व सचिन की कवाल की घटना में मौत हो गयी है जिस कारण बिट्टू हैरत में पड़ गया था। बिट्टू 1998 से 2018 तक आरएसएस में रहे। उनका कार्य देश की सेवा करना ही रहा है।
राजनीति को त्याग हिंदुत्व की सेवा प्रथम लक्ष्य
बिट्टू अब सभी राजनीति पार्टी को त्याग हिन्दू के हितों की सेवा के लिए शिव सेना हिन्दूस्तान में जिला प्रमुख के पद पर कार्य कर रहे है उनका कहना है कि व ऐसे ही समाजसेवा व हिन्दू के हितों के लिए सेवा करते रहेगें और हर समय समाजसेवा के लिये तैयार रहेगेें।