जिगर के टुकड़े को मौत के जबड़े से निकालने को महिला तेंदुए से भिड़ी
नागपुर। गांव के पास बने नाले के समीप जंगल में सब्जियां तोड़ने के लिए गई महिला घात लगा कर बैठे तेंदुए से भिड़ गई और उसके साथ संघर्ष करते हुए अपनी 5 साल की बेटी को मौत के जबड़े से निकालकर ले आई। घायल हुई बालिका को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तेंदुए से भिडते समय महिला भी घायल हो गई है। उसे भी अस्पताल में इलाज दिलाया जा रहा है।
दरअसल चंद्रपुर शहर से सटे जूनोना गांव के पास अर्चना मेश्राम अपनी 5 वर्षीय बेटी प्राजक्ता के साथ गांव के पास बने नाले के समीप जंगली सब्जियां तोड़ने के लिए गई थी। सब्जियां तोड़ते समय उसने अपनी बेटी को थोड़ी दूर पर खड़ा कर दिया। इसी दौरान पहले से ही घात लगाकर बैठे तेंदुए ने अचानक मां के थोड़ी दूर खड़ी बच्ची पर हमला बोल दिया। तेंदुए ने अपने जबड़े में बच्ची के सिर को बसा लिया और उसे लेकर जाने लगा। मौत को सामने खड़ी हुई देखकर मां के होश उड़ गए। लेकिन तुरंत ही उसने खुद को संभाला और साहस बटोर कर तेंदुए के साथ भिड़ गई। महिला ने पास में ही पड़ा एक डंडा उठा लिया और तेंदुए पर ताबड़तोड़ प्रहार करने शुरू कर दिए। महिला के हमले से घबराए तेंदुए ने मुंह में बच्ची बच्ची को छोड़ दिया, लेकिन उसने महिला पर हमला बोल दिया। किसी तरह महिला ने खुद को तेंदुए के हमलों से बचाया। लेकिन तेंदुआ एक बार फिर से महिला से ध्यान हटाकर बच्ची के ऊपर झपट पड़ा और उसे अपने जबड़े में फंसा लिया जैसे ही तेंदुआ बालिका को खींच कर वहां से ले जाने लगा तो महिला तेंदुए के पीछे पड़ गई और डंडे से उसके ऊपर लगातार वार करने शुरू कर दिए। महिला की इस बहादुरी के आगे तेंदुआ भी आखिर में हार मान गया और बच्ची को वहीं छोड़कर अपनी जान बचाते हुए जंगल की तरफ भाग गया। तेंदुए के हमले में बच्ची और उसकी मां बुरी तरह से घायल हो गई। महिला ने अपनी बेहोश हुई बेटी को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद घायल बच्ची को नागपुर के सरकारी अस्पताल भेजा गया है, जहां उसका और उसकी मां का इलाज चल रहा है। घायल हुई बेटी के पिता संदीप मेश्राम ने बताया है कि उसकी पत्नी अर्चना ने बड़ी हिम्मत दिखाते हुए बेटी को बचाया है। अस्पताल में बेटी और पत्नी का उपचार चल रहा है। इलाज कर रहे डॉक्टर ने बताया है कि घायल हुई बालिका की हालत खतरे से बाहर है।