हाय री गरीबी- सूदखोर का कर्ज उतारने को सजाई दुकान- लगाई बेटे की सेल

हाय री गरीबी- सूदखोर का कर्ज उतारने को सजाई दुकान- लगाई बेटे की सेल
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अलीगढ़। दबंग सूदखोरों का कर्ज उतारने के लिए गरीब ने दुकान सजाते हुए अपने कलेजे के टुकड़े की ही सेल लगा दी। पार्क के सामने लगे बेटे की सेल के बोर्ड को देखकर वहां पर लोगों की भीड़ लग गई। समझाने में लगे लोगों के सामने गरीब ने अपना दर्द बयां किया।

गरीबी इंसान को अपने कलेजे के टुकड़ों को ही बेचने को मजबूर कर देती है। अलीगढ़ के महुआ खेड़ा के गांव असदपुर कयाम में रहने वाले राजकुमार ने जमीन खरीदने के लिए कुछ लोगों से पैसे उधार लिए थे।

बाद में इन ब्याजखोरो ने कर्जदार बनाकर उसके एक प्लांट के कागजात बैंक में गिरवी रखवाते हुए उसके ऊपर कर्ज ले लिया। अब ब्याजखोर कर्ज अदायगी के बावजूद ग्रामीण से लगातार 50000 रुपये की डिमांड कर रहे हैं । नहीं देने पर उसके वहां पर कब्जा कर लिया और घर में आकर उसकी नाबालिक बेटियों एवं पत्नी के साथ अभद्रता करने लग गए।

देवी नगला इलाके के रहने वाले सूदखोर लगातार उसके ऊपर दबाव बनाते हुए उससे पैसों की डिमांड कर रहे थे‌‌। सूदखोरों के इस दबाव के बाद वह उनका कर्ज चुकाने के लिए अपने बेटे की दुकान सजाकर बैठ गया।


पत्नी, बेटी और बेटे के साथ गांधी पार्क में बेटे की सेल का बोर्ड लगाकर बैठने वाले राजकुमार ने कहा कि वह सूदखोरों का कर्ज उतारने के लिए अपने बेटे को 800000 लाख में बेच रहा है। बेटे की सेल की जानकारी मिलते ही अभी तक हाथ पैर हाथ धरे बैठी पुलिस तुरंत गांधी पार्क में पहुंचे और राजकुमार को उठाकर अपने साथ ले गई।

पूछताछ के आधार पर अब पुलिस सूदखोरों के खिलाफ कार्यवाही में जुटी हुई है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के शहर के गली मोहल्लों से लेकर गांव के गलियारों तक ऐसे सूदखोरों का मकड़जाल फैला हुआ है जो गरीब की मजबूरी का फायदा उठाकर उसे अपने कर्ज के जाल में फंसा लेते हैं। थोड़े से रुपए देने वाले सूदखोर अपने पैसे का इतना ब्याज खड़ा कर देते हैं कि गरीब का मकान या दुकान कब्जाने में इन लोगों को आसानी हो जाती है। उत्तर प्रदेश में ब्याज खोरी का काम करने वाले लोगों के लिए लाइसेंस व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन समूचे राज्य में बगैर लाइसेंस के ही सूदखोरी के काम से लोग धनाट्य बनते जा रहे हैं।

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