नहीं मिली स्ट्रेचर तो हाथ में पेशाब की थैली व बेटी को लेकर दौड़ा बाप

नहीं मिली स्ट्रेचर तो हाथ में पेशाब की थैली व बेटी को लेकर दौड़ा बाप

कानपुर। उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। मरी बहन को एंबुलेंस नहीं मिलने पर युवक के बाइक पर ले जाने के मामले के बाद अब स्ट्रेचर के अभाव में बेटी को हाथों में लेकर बाप के दौड़ने का मामला सामने आया है। संवेदनहीन हो चुके डॉक्टर एवं स्टाफ की कठोरता की गवाही देने वाले इस मामले में अभागे बाप को जब बेटी के लिए स्ट्रेचर नहीं मिली तो वह पेट में लगाई गई पेशाब की थैली के साथ बेटी को हाथों में उठाकर डॉक्टर के पास तक पहुंचा।

कन्नौज की छिबरामऊ तहसील के जखहा गांव के रहने वाले सुधीर पाल और उनकी 5 साल की बेटी प्रियंका का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो शनिवार को हैलेट अस्पताल में बेटी के इलाज के लिए आए थे। इमरजेंसी के बाद बाल रोग विभाग के वार्ड 2 में उनकी बेटी का ऑपरेशन किया गया था।

तकरीबन आधे घंटे बाद डॉक्टरों ने सुधीर को अपनी बेटी को बाल रोग विभाग में दोबारा ले जाने को कहा। सुधीर ने जब डॉक्टर से स्ट्रेचर के बारे में पूछा तो उसने उसे छिड़कते हुए कहा कि ले जाना है तो ले जाओ वरना यही पड़ी रहने दो।

15 से 20 मिनट तक की भाग दौड़ के बाद जब अभागे बाप को स्ट्रेचर नहीं मिला तो वह बेटी प्रियंका को गोद में लेकर बाल रोग विभाग की ओर चल पड़ा। इस दौरान गोद में पड़ी बिटिया रो रही थी। सुधीर को एक हाथ में उसके पेट में पड़ी नली तो दूसरे में पेशाब की थैली भी संभालती थी। इस बाबत हैलेट के प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर आरके सिंह का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उन्होंने माना है कि मरीज को स्ट्रेचर नहीं देने की बात बेहद गंभीर है। इस मामले की जांच में जो भी जिम्मेदार मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

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