राम मंदिर निर्माण में देरी के लिये ट्रस्ट जिम्मेदार -शिवसेना
अयोध्या। शिवसेना के पूर्वांचल प्रमुख एवं बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी रहे संतोष दूबे ने कहा कि करोड़ों रामभक्तों की आस्था के प्रतीक मंदिर के निर्माण में देरी के लिये श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट जिम्मेदार है।
संतोष दूबे ने सोमवार को यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि रामजन्मभूमि के पक्ष में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले को दो वर्ष पूर्ण हो जाने रहे है लेकिन अभी तक मंदिर की नींव तक नहीं भर पायी है, बल्कि मंदिर के लिये खरीद फरोख्त जमीन में जोरशोर से धांधली की जा रही है। अब तक तो देश के रामभक्तों से लिये गये चंदे के अनुसार राम मंदिर का निर्माण आधे से अधिक हो जाना चाहिये था, लेकिन इसका राजनीतिकरण किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि दरअसल, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण के लिये कोई जल्दी नहीं है, बल्कि वह इसे लोकसभा चुनाव के नजरिये से देख रहा है। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाकर शीघ्र मंदिर निर्माण पूरा करने की उम्मीद जतायी थी। हालांकि पिछले दिनो ट्रस्ट की की दो दिवसीय बैठक के बाद महामंत्री चम्पत राय ने बयान दिया था कि 2023 से पूर्व श्रद्धालु अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मंदिर में जा करके दर्शन कर सकेंगे जबकि 2025 में पूर्ण रूप से मंदिर का निर्माण हो जायेगा जिससे बाद रामभक्त आकर यहां रामलला के दर्शन कर सकेंगे।
शिवसेना नेता ने कहा कि देश के विभिन्न राजनैतिक दल और सभी जातियों के लोगों ने रामलला मंदिर के निर्माण के लिये करोड़ों रुपया दान किया है तो मंदिर क्यों नहीं बन पा रहा है जबकि 70 एकड़ भूमि भी उपलब्ध है। हर तीसरे या छठे महीने पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मीटिंग कहीं अयोध्या में हो रही है तो कहीं दिल्ली में हो रही है तो कहीं दिल्ली के बाहर हो रही है जिस पर अनाप-शनाप खर्चे भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बहुत पीड़ा है कि रामलला मंदिर बनाने के लिये बड़ा संघर्ष करने वाले उन जैसे लोग रसातल में चले गये है। करीब दो वर्ष बीत रहे हैं लेकिन मंदिर निर्माण की नींव तक नहीं रखी गयी है। जब एक बार प्रधानमंत्री ने राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कर दिया तो बार-बार परिसर में पूजा क्यों होती है। प्रधानमंत्री ने ऐसे लोगों को मंदिर निर्माण के लिये सौंपा है जिससे आशा भी नहीं की जा सकती है कि रामलला का मंदिर शीघ्र बनकर तैयार हो जायेगा।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह राजनीतिकरण रामलला के मंदिर पर अब ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है। शिवसेना के प्रमुख ने कहा कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला की मूर्ति सोने की बनायी जाय इसके लिये वह प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर मांग करेंगे कि मौजूदा समय पर जो मूर्ति है वह तो रहे है लेकिन इसके अलावा सोने की मूर्ति लगाया जाय जिससे स्वर्ण मंदिर और विश्वनाथ मंदिर जैसा राम मंदिर सोने का कहा जा सके।
वार्ता