5 सदियों का इंतजार होगा खत्म- अभिजीत मुहुर्त में विराजेंगे रामलला

5 सदियों का इंतजार होगा खत्म- अभिजीत मुहुर्त में विराजेंगे रामलला

लखनऊ। करोड़ों रामभक्तों का पांच सदियों का इंतजार सोमवार को समाप्त होगा जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत देश की गणमान्य हस्तियों की मौजूदगी में अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर में शंख ध्वनि के बीच रामलला की श्यामल किशोरावस्था प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी,साथ ही अस्थायी मंदिर में वर्षाे तक विराजमान रहे राम,लक्ष्मण और मां जानकी की मूर्तियों के दर्शन नये भवन में सुलभ हो सकेंगे।

श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट के अनुसार श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा दोपहर साढ़े 12 बजे अभिजीत मुहुर्त में संपन्न होगी। पंचांग के अनुसार 22 जनवरी को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त के अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग जैसे कई शुभ योग बन रहे हैं। भगवान राम का जन्म त्रेता युग में अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था। इस मुहूर्त को बहुत शुभ माना गया है। यही कारण है कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा इसी मुहूर्त में की जा रही है।

इस भव्य कार्यक्रम में भाग लेने के लिये प्रधानमंत्री सुबह 10 बज कर 55 मिनट पर रामजन्मभूमि स्थल पहुंचेंगे और 12 बज कर पांच मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपरांत प्रधानमंत्री मर्यादा पुरुषोत्तम के आराध्य का दर्शन पूजन कूबर टीला शिव मंदिर में करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हेलीकाप्टर के जरिये मंदिर में पुष्प वर्षा की जायेगी जबकि विभिन्न प्रांतो के संगीतवादक वाद्य यंत्रों से मंगल ध्वनि की छटा बिखरेंगे।

इस बीच श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने रविवार को बताया कि अस्थायी मंदिर में विराजमान राम जानकी की प्रतिमाओं को एकादशी यानी आज शाम आठ बजे श्रीरामजन्मभूमि पर नवनिर्मित मंदिर में ले जाया जायेगा। भगवान की नयी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही नये मंदिर में 1949 से पूजित प्रतिमाओं के दर्शन पूजन किये जा सकेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने के लिये आमंत्रित देश की जानी मानी हस्तियों का आगमन रामनगरी में शुरु हो चुका है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत रविवार को अयोध्या जाने के लिये राजधानी लखनऊ पहुंचे वहीं योग गुरु रामदेव,आचार्य बालकृष्ण, डॉ परमानंद सरस्वती, गीता मनीषी, निर्मलानंद माधव प्रिया दास, आचार्य कृष्ण मणि ,सतुआ बाबा, आलोक दास रामनगरी में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगे। सभी साधु संतों ने हनुमानगढ़ी का दर्शन पूजन करेंगे।

गौरतलब है कि प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी को दोपहर बाद सरयू नदी से प्रारम्भ हुआ था। दिव्य-भव्य मंदिर में सात दिनो तक चले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरा होने के बाद सोमवार शाम को पूरी रामनगरी 10 लाख दीपों से जगमगाएगी। मकानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों व पौराणिक स्थलों पर श्राम ज्योतिश् प्रज्ज्वलित की जाएगी।

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर पुलिस ने अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सरयू नदी पर जल पुलिस पहरा देगी वहीं आसमान से एआई तकनीक से लैस एक खास ड्रोन गरुण शरारती तत्वों पर निगाहबानी करेगा। सुरक्षा के मद्देनजर यूपी पुलिस डायल 112 का निगरानी केंद्र लता मंगेशकर चौक पर बनाया गया।

लखनऊ एडीजी जोन पियूष मोराडिया ने बताया “ हम एआई के जरिए गरुण ड्रोन के माध्यम से अयोध्या की सुरक्षा पर नजर रख रहे हैं, इसमें स्पीकर हैं इसकी रेंज आठ किमी है। इसमें हूटर भी है और पब्लिक एड्रेस का काम करता है। सुरक्षा के लिहाज से अयोध्या को कई जोन्स और सेक्टर्स में भी बांटा गया है।

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में श्रीश्री रविशंकर,जेएसडब्लू समूह के एमडी सज्जन जिंदल, रेमंड ग्रुप के एमडी गौतम हरी सिंघानिया,उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल समेत कई हस्तियों के रविवार को लखनऊ पहुंचने की संभावना है। कार्यक्रम में प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी,गौतम अडानी,रतन टाटा,मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर समेत कई हस्तियों के शिरकत करने के आसार हैं।

भव्य कार्यक्रम के मद्देनजर समूची रामनगरी को स्वर्ग सा सजाया गया है। महाराष्ट्र से आए साढ़े सात हजार पौधों की खूबसूरती से श्रीराम जन्मभूमि परिसर दिव्यतम नजर आने लगा है। श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को देखते हुए पूरे परिसर को सजाया जा रहा है। फूलों की साज-सज्जा के साथ ही यहां गमले भी लगाए जा रहे हैं। इसके लिए महाराष्ट्र से साढ़े सात हजार से अधिक गमले व पौधे आए हैं।

राम मंदिर प्रांगण में 56 प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे हैं। इनमें एग्लोनेमा रेड-लिपिस्टक, पिंक, ऐलोकेशिया ब्लैक वेलवेट- कुकुलता, वेस्टिल, फिलोड्रेनड्रॉम रिंग ऑफ फायर-बिरकिन, जेनाडू, रेड कांगो, पिंक फायर, पिंक प्रिसेंज, डिफेनबेकिया व्हाइट, होमालोमेना ब्रांज, केलेडियम मिक्स, मेलपिघिया श्रीराम, ड्रकाना महात्मा, सेफलेरा, वेरीगेटेड, लोरोपेटलम, रेडार मचेरा, डिफेनबेकिया बोमानी, मोंसटेरा डेलीसिओसा, आर्केड मिक्स, पीस लिली आदि प्रमुख हैं।

रामायणकालीन वैभव को दर्शाने वाले नक्षत्र वाटिका में 27 नक्षत्रों से जुड़े 27 पेड़ लगाए गए हैं। राम मंदिर परिसर हरा भरा हो, इसके लिए पूरे प्रांगण में हरियाली का खास ध्यान रखा जा रहा है। रामायण कालीन पेड़ों में पीपल, पाकड़, नीम, गुटेल, महुआ, शीशम, खैर, पलास, बेल, मौलिश्री, शमी, कदंब, आम, अर्जुन, गुलर, साल, बरगद, आंवला, चीड़ आदि के पौधे लगाए गए हैं। इनका संबंध भी नक्षत्रों से है।

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