रिश्वतखोर दीवान को कॉलर पकड़कर घसीटकर ले गई विजिलेंस टीम
कानपुर। 15000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के बावजूद हेगडी दिखाने पर विजिलेंस की टीम कॉलर पड़कर दीवान को नंगे पैर ही घसीट कर अपने साथ ले गई। इस दौरान रिश्वतखोर दीवान विजिलेंस की टीम के चंगुल से फंसकर भागने को छटपटाता रहा।
औद्योगिक नगरी की जूही लाल कॉलोनी में रहने वाले रिंकू पासवान ने 15 जुलाई 2024 को किदवई नगर थाने में मोना कश्यप राजा कश्यप समीर और राज की पत्नी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के अलावा जान से मारने की धमकी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इस मामले की जांच बाबू पुरवा एसीपी द्वारा की जा रही थी। पीड़ित रिंकू मामले की प्रगति रिपोर्ट लगवाने के लिए जब एसीपी के दफ्तर में पहुंचा तो वहां उसकी मुलाकात हेड कांस्टेबल शाहनवाज खान और योगेश कुमार से हो गई। दोनों ने मुकदमे में प्रगति दिखाने के लिए पीड़ित से ₹20000 की रिश्वत की डिमांड की।
लेकिन रिंकू ने पैसे देने से मना कर दिया। इसके बाद रिंकू ने विजिलेंस टीम का सहारा लेते हुए अपनी शिकायत बताई जो जांच किए जाने पर सही पाई गई। घूसखोर कांस्टेबल को पकड़ने के लिए विजिलेंस की टीम ने अपना जाल फैलाया और बाबू पुरवा एसीपी दफ्तर पहुंची विजिलेंस की टीम ने रिंकू को ₹15000 लेकर अंदर भेजा।
उसने हेड कांस्टेबल शाहनवाज को रिश्वत के रूप में 15000 रुपए दे दिए। घूस लेते ही विजिलेंस की टीम ने छापा मार कार्यवाही करते हुए घूसखोरी दीवान शाहनवाज को पकड़ लिया। इस दौरान हेड कांस्टेबल योगेश विजिलेंस टीम को हाथ नहीं लग सका। शाहनवाज ने भागने की कोशिश की और हेगड़ी दिखाते हुए विजिलेंस की टीम को अपने रौब में लेने का प्रयास किया।
लेकिन विजिलेंस की टीम रिश्वत लेते हुए पकड़े गए दीवान को काॅलर पकड़कर नंगे पांव की उसे खींचकर अपने साथ ले गई। एसीपी विजिलेंस ने बताया है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में गिरफ्तार किए गए हेड कांस्टेबल को आज लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया है।