स्वाद को लगेंगे चार चांद- लेग पीस के साथ मिलेगा चिकन अचार

बरेली। चिकन तंदूरी, चिकन बिरयानी, चिकन चंगेजी, चिकन काली मिर्च, चिकन सौरमा, हांडी चिकन आदि व्यंजनों के साथ अब चिकन खाने के शौकीन लोगों को चिकन का अचार भी बाजार में खाने को मिलेगा। केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने अंडे सेने की जो नई तकनीक विकसित की है उसके तहत मशीन में रखने के कुछ दिन बाद ही अंडों से चूजे विकसित हो जाएंगे। मशीन का विकास होने के बाद पोल्ट्री किसानों को अंडों की देखभाल करने की जरूरत नहीं होगी।
दरअसल केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा अंडे सेने की नई तकनीक विकसित करते हुए ऐसी मशीन तैयार की गई है, जिसमें अंडों को कुछ दिन मशीन में रखने के बाद उन से चूजे विकसित हो जाएंगे। वैज्ञानिक डॉ जयदीप जयवंत रोकडे के मुताबिक पोल्ट्री फार्म हो अथवा घर, अंडे से चूजे निकालने के लिए इस समय निगरानी की सख्त जरूरत होती है, क्योंकि आमतौर पर देखा गया है कि दूसरे जानवर मुर्गी के अंडों को खा जाते हैं या जाने अनजाने मुर्गी के अंडों के फूटने की हर समय आशंका बनी रहती है।
उन्होंने बताया है कि अंडों को सेने की वैज्ञानिकों द्वारा नई तकनीक विकसित की गई है। अंडों को सेने के लिए सर्वाधिक तापमान की जरूरत होती है। 20 डिग्री से ज्यादा तापमान होने पर अंडो के भीतर चूजे के विकास की प्रक्रिया आरंभ होती है। जब तक चूजे अंडे के बाहर नहीं आ जाते हैं उस समय तक मुर्गियों का क्रय विक्रय भी नहीं किया जा सकता है। इस समस्या के समाधान के लिये वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कई प्रयोगों के बाद कैरी पोर्टेबल पोल्ट्री इनक्यूबेटर तकनीक तैयार की गई है जो चूजे के विकास के लिए अनुकूल माहौल देती है।