सिंहपुर किले के कायाकल्प ने पर्यटकों को लुभाया- रोजगार में बढ़ोतरी

सिंहपुर किले के कायाकल्प ने पर्यटकों को लुभाया- रोजगार में बढ़ोतरी

नौरोजाबाद। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से कराए गए सिंहपुर स्थित रानी की गढी का कायाकल्प कराए जाने से यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। पर्यटकों की आमद से स्थानीय लोगों को रोजगार हासिल होगा, जिससे सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

उमरिया जिले में गोड़वाना रियासत कालीन एक मात्र सिंहपुर स्थित रानी की गढ़ी का कायाकल्प पुरातत्व विभाग के द्वारा कराया गया है। कायाकल्प के बाद गढ़ी को देखने के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफ़ी वृद्धि हुई है।

लगभग एक एकड़ में गढ़ी का क्षेत्र फैला हुआ है। सिंहपुर गढ़ी का इतिहास दुश्मन आक्रमणकरियो से अपनी लाज बचाने और अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों की कहानी से जुडा है। सिंहपुर गढ़ी की किस्से, कहानियां और कविता के माध्यम से स्थानीय लोग अनाम रानी की कहानी का बखान करते है। स्थानीय पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री ज्ञान सिंह एवं उनके पुत्र विधायक शिवनारायण सिंह के प्रयासों से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा इस गढ़ी का कायाकल्प कराये जाने के बाद रानी की गढ़ी काफी आकर्षक दिखने लगी है।


जिसके चलते अब यहां पर लगातार लोगों का आना जाना बना रहता है। रानी की गढ़ी और उसके रोचक इतिहास जुडी ख़ास बात यह है कि तत्कालीन राजा और रानी का नाम अब लोगो को याद नहीं है। लेकिन उनके किस्से और कहानी लोगो को जुबानी याद है। यहां तक कि स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोग कविता के माध्यम से रानी के गौरवशाली इतिहास का बखान करते है। ज्ञात इतिहास के अनुसार 15 वीं और 16 वीं शताब्दी में ज़ब गोड़वाना रियासत अपने चरम पर था, तब यहाँ के राजा की असमय मृत्यु के बाद रानी ने राजपाठ संभाला था और दुश्मनों से अपनी लाज और जान बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

एक अनाम रानी जिसकी कहानी लोगो को मुँह जुबानी याद है। कभी किवदंतिया तो कभी कविता के माध्यम से रानी के बलिदान की गाथा पुरे इलाके मे गाकर सुनाई जाती है। हम बात कर रहे है कि उमरिया जिले के सिंहपुर स्थित रानी के गढ़ी की जिसका हाल ही में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कायाकल्प कराया है, वह गोड़वाना रियासत काल की यह गढ़ी दो मंजिला बनी है। जिसमें चारो दिशाओं मे किलानुमा बुर्ज बने हुए है और गढ़ी चारों ओर से लम्बी दीवारों से घिरी हुई है। गढ़ी का निर्माण तत्कालीन समय की उत्कृष्ट कला को प्रदर्शित करता है।

रिपोर्ट- चंदन श्रीवास, प्रभारी खोजी न्यूज़ मध्य प्रदेश

Next Story
epmty
epmty
Top