बढ़ेगी दिक्कत- जेब पर पड़ेगा भार-भैंसाली अड्डा होगा शहर से बाहर
मेरठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में महानगर के भैंसाली बस अड्डे एवं डिपो की शिफ्टिंग के प्रस्ताव को शासन द्वारा मंजूर कर दिया गया है। भैंसाली बस अड्डे को अब दो भागों में विभाजित कर महानगर से बाहर भूडबराल एवं मोदीपुरम स्थित आरआरटीएस स्टेशनों के पास ट्रांसफर किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से वैसे तो दिल्ली- मेरठ रोड पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी, लेकिन अपने काम धंधे के सिलसिले में आने जाने वाले लोगों की जेब पर अतिरिक्त भार बढ़ेगा और समय भी काफी खर्च करना पड़ेगा।
दरअसल महानगर के भैंसाली बस अड्डे को शहर से बाहर स्थानांतरित करने का प्रपोजल शासन के पास भेजा गया था। जिसे मंगलवार को हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में रखा गया और इसे शासन द्वारा मंजूर कर दिया गया है। मेरठ- दिल्ली रोड स्थित भैंसाली बस अड्डा शुरुआत में तो तकरीबन खाली स्थान पर ही था लेकिन आज यह घनी आबादी वाला इलाका होने के साथ-साथ व्यापारिक गतिविधियों का भी बड़ा केंद्र बन चुका है। राजधानी दिल्ली के नजदीक होने की वजह से भैंसाली बस अड्डे से रोजाना तकरीबन 1400 से अधिक बसों का रोडवेज द्वारा संचालन किया जाता है। जिससे मेरठ से दिल्ली और मुजफ्फरनगर व सहारनपुर आदि स्थानों पर आने जाने वाले लोगों को बस पकड़ने की इधर-उधर भाग दौड़ करने की जरूरत नहीं रहती है।
अब भैंसाली बस अड्डे को दो भागों में विभाजित कर महानगर से बाहर दिल्ली रोड पर भूडबराल एवं रुड़की की तरफ मोदीपुरम स्थित आरआरटीएस स्टेशनों के पास ट्रांसफर किया जाएगा। कैबिनेट की ओर से लिए गए इस बड़े फैसले से वैसे तो महानगर में रहने वाले लोगों को दिल्ली- मेरठ रोड पर लगने वाले जाम के झाम से मुक्ति मिलेगी। लेकिन यात्रियों को बस अड्डे के विभाजन से भारी दिक्कतें भी उठानी पड़ेंगी। क्योंकि महानगर से दिल्ली जाने वाले लोगों को ऑटो अथवा अन्य वाहनों के माध्यम से महानगर से बाहर जाकर रोडवेज की बस पकड़नी पड़ेगी। इसी प्रकार मुजफ्फरनगर एवं सहारनपुर आदि स्थानों पर जाने के लिए लोगों को शहर से बाहर मोदीपुरम आना पड़ेगा। निश्चित रूप से इसके लिए लोगों को जहां अधिक भाग दौड़ करनी पड़ेगी वहीं इन स्थानों पर पहुंचने वाले साधनों पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।