गरजी ममता -खेला होबे की ललकार के साथ फूंका चुनावी बिगुल
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के साथ ही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की यहां से उम्मीदवारी और 'खेला होबे' की ललकार के साथ चुनावी बिगुल फूंक दिया है वहीं भारतीय जनता पार्टी भाजपा समेत विपक्षी दल अभी अपने संभावित उम्मीदवारों को टटोल रहे हैं।
भवानीपुर सुश्री बनर्जी का गृह निर्वाचन क्षेत्र है। उन्होंने 2011 और 2016 का विधानसभा चुनाव यहीं से जीता था। इसी वर्ष मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए नंदीग्राम का रूख कर लिया लेकिन यहां से वह अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के शुवेंदु अधिकारी से चुनाव हार गयी।
सुश्री बनर्जी भले ही नंदीग्राम से चुनाव हार गयी लेकिन उनकी अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस ने राज्य विधानसभा की 294 सीटाें में से 213 पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की और तीसरी बार मुख्यमंत्री पद पर उनकी ताजपोशी हुई। संवैधानिक नियमों के तहत मुख्यमंत्री पद को बरकरार रखने के लिए उन्हें छह माह के भीतर विधानसभा उपचुनाव जीतना अपरिहार्य है। प्रदेश की सत्ता में उनकी बादशाहत को कामय रखने के वास्ते मार्ग प्रशस्त करने के लिए भवानीपुर से निर्वाचित विधायक शुभम चट्टोपाध्याय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व तृणमूल सुप्रीमो के करिश्मे पर दांव लगाने के लिए भवानीपुर उपचुनाव में उनके खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा करना चाहता है हालांकि अभी पश्चिम बंगाल भाजपा में सुश्री बनर्जी के मुकाबले उनका ऐसा कोई करिश्माई नेता नहीं है।
इस बीच अटकलें हैं कि गत विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से सुश्री बनर्जी को पराजित करने योद्धा एवं राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी क्या एक बार फिर भवानीपुर उपचुनाव में अपनी पुरानी प्रतिद्वंद्वी को चुनौती देंगे।
राजनीतिक विष्लेषकों का भी मानना है कि केवल श्री अधिकारी ही ऐसे शख्स हैं , जो सुश्री बनर्जी को एक बार फिर चुनौती दे सकते हैं। अधिकारी ने भी गत रविवार को नादिया में कहा था कि अगर उनकी पार्टी कहेगी तो वह यह चुनौती स्वीकार कर लेंगे।