रोडवेज को घाटा पहुंचाने को आतुर चालक का खतौली बस ले जाने से इंकार

रोडवेज को घाटा पहुंचाने को आतुर चालक का खतौली बस ले जाने से इंकार

खतौली। उत्तर प्रदेश राज्य सडक परिवहन निगम को घाटा पहुंचाने को आतुर चालक और परिचालक रोडवेज की बसों को खतौली के भीतर से ले जाने को इंकार कर देते हैं। इस बाबत चालक व परिचालक की अभद्रता और मनमानी का शिकार हुए यात्रियों ने एआरएम को शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की गुहार लगाई है। एआरएम ने ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।

दरअसल खतौली के रेलवे रोड निवासी कुशांक ग्रोवर व रक्षक किसी काम के सिलसिले में राजधानी दिल्ली गए थे। 10 जुलाई की रात कश्मीरी गेट से वह एक रोडवेज बस में सवार हो गए। खतौली डिपो की बस संख्या यूपी 30-एटी 2526 के ड्राइवर ने दोनों यात्रियों के बस में चढ़ते ही पूछा कि कहां जाना है। दोनों ने कहा कि खतौली जाएंगे और वह सीट पर बैठ गये। यह सुनते ही चालक बुरी तरह से आगबबूला हो गया और दुव्र्यवहार करते हुए दोनों यात्रियों को बस से नीचे उतार दिया। इसी दौरान परिचालक भी मौके पर पहुंच गया और उसने चालक के साथ मिलकर दोबारा से यात्रियों के साथ अभद्रता करते हुए खतौली के भीतर से अपनी बस को ले जाने से साफ तौर से इंकार कर दिया। चालक और परिचालक ने दो टूक कहा कि मैं खतौली के बाहर से होकर नही बाईपास से गुजर कर जाऊंगा। यात्रियों के साथ चालक और परिचालक द्वारा जमकर बेहुदगी की गई। अंजान शहर में अकेले होने के कारण दोनों यात्री अपमान और दुर्व्यवहार का कड़वा सा घूंट पीकर रह गए। बाद में किसी अन्य बस में सवार होकर दोनों यात्री खतौली पहुंचे और सोमवार को नगर के पुनीत अरोरा, विवेक रहेजा, माधव ठकराल, ध्रुव ग्रोवर, सभासद गुरुदत्त अरोरा और रमन आदि के साथ रोडवेज बस स्टैंड पहुंचकर एआरएम से मुलाकात की और खतौली डिपो के चालक और परिचालक की करतूत बताई। एआरएम ने अपमान का शिकार हुए दोनों यात्रियों की बातों को गंभीरता के साथ सुना और चालक व परिचालक के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

दरअसल खतौली के भीतर से चालकों व परिचालकों द्वारा बसें ना ले जाने के पीछे भी भ्रष्टाचार और उपरी कमाई की एक बड़ी कहानी है। बताया जा रहा है कि हाईवे के भैंसी कट के अलावा बाईपास पर कई अन्य ऐसे होटल हैं जिनके चालक व परिचालकों के साथ कमीशन संबंधी कनेक्शन है। आरोप है कि यात्रियों को लेकर बाईपास को गुजरते समय चालक और परिचालक अपनी सेटिंग वाले होटल पर बसों को रोकते हैं। जहां यात्रियों से होटल वालों द्वारा मनमाने दाम खाद्य पदार्थों के वसूले जाते हैं। विरोध किये जाने पर यात्रियों के साथ दुव्र्यवहार और मारपीट तक की जाती है। होटल पर बसों को रोकने की एवज में चालक व परिचालक को पहले से तयशुदा नकद धनराशि के अलावा खाना और पीना तथा शराब के साथ बीडी सिगरेट भी मुफ्त दिया जाता है। इसी अतिरिक्त कमाई के लालच में चालक व परिचालक यात्रियों की जेब होटलों पर अपनी बसों को रोककर खुलेआम कटवाते हैं। यदि चालक और परिचालक अपनी बसों को लेकर खतौली से गुजरते हैं तो उनकी ऊपरी कमाई का रास्ता बंद हो जाता है। इसी के चलते कुछ दिनों पहले तक रोडवेज ने एक कर्मचारी की व्यवस्था कर भैंसी कट से सभी बसों को खतौली के भीतर से गुजर वाना शुरू कर दिया था। लेकिन दिल्ली जैसे शहरों में चालक और परिचालक अपनी मनमानी कर देते हैं।

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