बेशकीमती आभूषणों से अलंकृत भगवान को रास्ते में भीलों ने लूटा

मथुरा। घोड़े पर विराजमान होकर निकले बेश कीमती आभूषणों से अलंकृत भगवान रंगनाथ की सवारी के दौरान जमकर आतिशबाजी की गई। लौटते समय बेश कीमती आभूषणों से अलंकृत भगवान को भीलों ने लूट लिया।
उत्तर भारत में दक्षिण भारतीय शैली के विशालतम श्री रंगनाथ मंदिर में आयोजित किये जा रहे ब्रह्मोत्सव के आठवें दिन भव्य आतिशबाजी का आयोजन किया गया। इस दौरान निकाली गई भगवान रंगनाथ की सवारी में भगवान को बेशकीमती आभूषणों से अलंकृत कर स्वर्ण निर्मित घोड़े पर विराजमान किया गया।
धूमधाम के साथ निकली भगवान रघुनाथ की सवारी में स्वर्ण निर्मित घोड़े पर विराजमान भगवान रंगनाथ की अलौकिक छवि के दर्शन कर श्रद्धालु आनंद में सराबोर हो गए। भगवान की सवारी के मंदिर लौटने पर भील लीला का आयोजन किया गया।
मंदिर के पश्चिम द्वार पर आयोजित की गई परकाल स्वामी भील लीला के आयोजन में हजारों भक्तों की मौजूदगी में परकाल स्वामी ने बेशकीमती आभूषणों से अलंकृत भगवान रंगनाथ को लूट लिया।
भगवान के साथ हुई लूट के दौरान अंत में परकाल स्वामी को स्वामी रंगनाथ ने अपने दिव्य स्वरुप में जब दर्शन दिए तो परकाल स्वामी उनसे क्षमा मांगने लगे और उनकी शरणागत हो गए।