घूस ले रहे क्लर्क ने विजिलेंस टीम को लगवाई दौड़- घूसखोर ने फुलाई सांस
वाराणसी एंटी करप्शन की टीम ने फार्म सोसाइटीज एवं चिट्स के क्लर्क को रंगे हाथों रिश्वत लेते दबोच लिया है घूस लेते हुए पकड़े गए लिपिक ने संगठनों के रजिस्ट्रेशन के रिन्यूअल के लिए चार-चार हजार रुपए की डिमांड की थी।
बुधवार को वाराणसी के हुकुलगंज स्थित फर्म सोसाइटीज एंड चिट्स के दफ्तर में उस समय चारों तरफ हंगामा मच गया, जब विजिलेंस की टीम ने दफ्तर पर छापामार कार्यवाही करते हुए क्लर्क अरविंद कुमार गुप्ता को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया। लिपिक की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की टीम उसे लेकर लालपुर पांडेयपुर थाना पहुंची, जहां टीम इंचार्ज की तहरीर पर घूसखोर क्लर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
घटनाक्रम के मुताबिक प्रबोधिनी फाउंडेशन के संयुक्त सचिव डॉक्टर संजय सिंह गौतम ने अपनी संस्था का पंजीकरण रिन्यूअल कराने के लिए आवेदन किया था। 22 जुलाई 2024 को रिन्यूअल की ऑनलाइन फीस भी जमा करते हुए दस्तावेजों की एक प्रति दफ्तर में जमा कर दी थी ।संगठन के नवीनीकरण के लिए दफ्तर की ओर से हर फाइल पर ₹5000 मांगे गए। पदाधिकारी ने जब रिश्वत का विरोध किया तो दफ्तर के क्लर्क अरविंद गुप्ता ने बगैर रुपए सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया।
बुधवार को विजिलेंस की टीम ने संजय सिंह की बात सुनने के बाद घूसखोर लिपिक को दबोचने की रणनीति बनाई। इंस्पेक्टर उमाशंकर यादव ने संजय सिंह के ₹4000 में गुलाबी रंग लगाया और उन्हें देने के लिए लिपिक के पास भेज दिया। जैसे ही संजय सिंह ने लिपिक अरविंद गुप्ता के हाथ में रुपए थमाए तभी टीम ने अरविंद गुप्ता पुत्र राधेश्याम गुप्ता को रंगे हाथ दबोच लियारिश्वत लेते हुए पकड़ा गया क्लर्क छत के रास्ते परिसर से बाहर भाग लिया, लेकिन एक सिपाही ने आरोपी को पीछा करते हुए काफी दूर जाकर पकड़ लिया।
इस दौरान सिपाही और लिपिक के बीच जमकर हाथापाई हुई, जिसके चलते सिपाही ने लिपिक को जमीन पर गिरा दिया। उस समय तक टीम के अन्य सदस्य भी मौके पर पहुंच गए और रिश्वतखोर क्लर्क को दबोच लिया। थाने तक ले जाने के दौरान आरोपी छूट कर भागने का प्रयास करता रहा।