तेलुगुकवि वरवरा राव की तबीयत जेल में खराब, हॉस्पिटल भेजने की मांग

तेलुगुकवि वरवरा राव की तबीयत जेल में खराब, हॉस्पिटल भेजने की मांग

मुंबई । तेलुगू कवि वरवरा राव को महाराष्ट्र के तलोजा जेल से मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में दाखिल कराने की मांग उठी है. इसके लिए 5 याचिकाकर्ताओं ने महाराष्ट्र सरकार और एनआईए से अपील की है. वरवरा राव की खराब तबीयत का हवाला देते हुए उन्हें हॉस्पिटल में दाखिल कराने की मांग की गई है.

प्रसिद्ध इतिहासकार रोमिला थापर और 4 अन्य याचिकाकर्ताओं ने वरवरा राव को सही इलाज मुहैया कराने और इसके लिए हॉस्पिटल में दाखिल कराने की मांग की है। वरवरा राव नवंबर 2018 से गिरफ्तार हैं और बाद में उन्हें फरवरी 2020 में एनआईए के हवाले कर दिया गया था। राव 10 अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तारी में हैं जिन पर प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन से ताल्लुक रखने के आरोप हैं. इन नेताओं पर देश के शीर्ष नेताओं के खिलाफ जानलेवा हमले की साजिश रचने का भी आरोप है. वरवरा राव और अन्य आरोपियों पर चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का भी आरोप है।

जिन पांच लोगों ने महाराष्ट्र सरकार से अपील की है उनमें रोमिला थापर, प्रभात पटनायक, देवकी जैन, माजा दारूवाला और सतीश देशपांडे शामिल हैं। हैदराबाद के रहने वाले वरवरा राव की रिहाई के लिए उनके परिजनों ने कुछ दिन पहले ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि श्वरवरा राव को जेल में नहीं मारा जाना चाहिए।

अपील की पुष्टि करते हुए रोमिला थापर ने इंडिया टुडे से कहा, वरवरा राव के परिजन उनकी सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं, इसलिए उन्हें हॉस्पिटल में दाखिल करने की मांग उठाई गई है. तलोजा जेल में राव की तबीयत ठीक नहीं बताई जा रही है, इसलिए उनके परिजनों की मांग पर 5 याचिकाकर्ताओं ने सरकार से अपील की है. पूर्व में जेजे हॉस्पिटल में उनकी जांच हो चुकी है, जिसमें उनमें सोडियम और पोटैशियम की कम मात्रा की बात कही गई थी. बाद में उन्हें नवी मुंबई के तलोजा जेल में डाल दिया गया जिससे जेजे हॉस्पिटल में उनका इलाज रुक गया।

दूसरी ओर, तलोजा जेल के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि वरवरा राव की तबीयत की लगातार जांच हो रही है। अगर जेल अधिकारियों को राव की तबीयत में ज्यादा गड़बड़ी दिखी तो वे तुरंत जेजे हॉस्पिटल भेज देंगे। वरवरा राव की तबीयत की गहनता से जांच की जा रही है. अगले शुक्रवार को वरवरा राव की जमानत पर अदालत में सुनवाई भी होनी है

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