एचएएल को तेजस का तेज

एचएएल को तेजस का तेज

नई दिल्ली। हमारे देश में अब रक्षा के क्षेत्र में स्वावलम्बन की प्रक्रिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। बहुत शीघ्र हम न सिर्फ अपनी जरूरत पूरी कर लेंगे बल्कि अन्य देशों को निर्यात भी करने लगेंगे। इसी क्रम में सरकार ने गत 3 फरवरी को 83 तेजस लाइट कॉम्बैट विमानों (तेजस एलसीए) की डील अपने ही देश की सरकारी आयुध निर्माण करने वाली कम्पनी एचएएल के साथ की है। सरकार ने इस डील पर साइन कर दिए हैं। यह औपचारिक प्रक्रिया बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2021 कार्यक्रम के दौरान की गई। यह भारत के रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर होने का संदेश है।

एचएएल का नाम उस समय चर्चा में आया था जब मोदी सरकार ने फ्रांस की कम्पनी से राफेल विमानों की खरीद का संशोधित रूप से सौदा किया। राफेल विमानों के सौदे का प्रयास कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने भी किया था। मोदी सरकार ने जब यह सौदा पक्का किया तब कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने आपत्ति की थी। राहुल का कहना था कि इस सौदे के तहत जो काम अनिल अम्बानी को दिया जा रहा है, वही काम एचएएल को क्यों नहीं दिया गया। यह सवाल देश की जनता को भी चुप रहा था और एचएएल को उसकी क्षमता का काम क्यों नहीं दिया जा रहा, इस पर बहस भी चल पड़ी थी। बहरहाल, अब एचएएल को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है।

यह जिम्मेदारी है तेजस विमानों का निर्माण करने की। इन विमानों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) करेगा। खास बात है कि इसे स्वदेशी मिलिट्री एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी डील माना जा रहा है। इसी दिन एयरो इंडिया शो का भी आगाज हुआ। रक्षा मंत्रालय के महासचिव (अधिग्रहण) वीएल कांताराव की तरफ से एचएएल के एमडी आर माधवन को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। बेंगलुरु में एयरो इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की उपस्थिति में हुई। कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में तीन एमआई-17 हेलीकॉप्टर्स ने मार्च पास्ट किया।


एचएएल की तरफ से बनाया जा रहा तेजस सिंगल इंजन का फुर्तीला विमान है। यह मल्टी रोल सुपरसॉनिक लड़ाकू विमान गंभीर वायु वातावरण में काम करने में सक्षम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने बीते महीने 73 तेजस एमके-ए विमानों और 10 एलसीए तेजस एमके-ए ट्रेनर एयरक्राफ्ट की डील को मंजूरी दी थी। इससे भारतीय वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा।

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि एचएएल को 48 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले 83 नए स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए ) बनाने का ऑर्डर मिला। उन्होंने कहा, यह शायद अब तक का सबसे बड़ा मेक इन इंडिया डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट है। जेट के मार्क ए 1 वर्जन में 43 सुधार होंगे. जिसमें कई बड़े बदलाव भी शामिल होंगे। इन सुधारों के बाद विमानों का रखरखाव आसान होगा और इसके अलावा कई चीजें बेहतर होंगी।

ध्यान देने की बात है कि अंतरराष्ट्रीय निर्माता के जरिए 114 विमानों का टेंडर जारी करने के तीन साल बाद भारतीय वायुसेना देश में बनाए गए तेजस विमानों का इस्तेमाल करने के बारे में सोच रही है। भारतीय वायुसेना को प्राप्त होने वाले 123 तेजस फाइटर्स तीन वैरिएंट्स में होंगे। सभी में जनरल इलेक्ट्रिक इंजन होगा। भारतीय वायुसेना को तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति होने तक हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी। यह जानकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. माधवन ने दी थी।

हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत का एक सार्वजनिक प्रतिष्ठान है, जो हवाई संयन्त्र निर्माण करता है। इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है। दिसम्बर, 1940 में भूतपूर्व मैसूर राजसी राज्य एवं असाधारण दूरद्रष्टा उद्यमी सेठ वालचन्द हीराचन्द के सहयोग से बेंगलूरु में शुरु हुआ था। एचएएल की आपूर्तियाँ/सेवाएँ प्रमुख रूप से भारतीय रक्षा सेनाओं, तटरक्षक तथा सीमा सुरक्षा बल के लिए हैं। एचएएल से भारतीय विमान - वाहकों तथा राज्य सरकारों को भी परिवहन विमानों तथा हेलिकाप्टरों की पूर्ति की गयी है। कंपनी ने गुणवत्ता एवं किफायती दरों के माध्यम से ३० से अधिक देशों में निर्यात क्षेत्र में पदार्पण किया है।

आज भारत भर में एचएएल की 16 उत्पादन इकाइयाँ एवं 9 अनुसंधान व विकास केन्द्र हैं। इसके उत्पाद-क्रम में देशीय अनुसंधान व विकास के अधीन 12 प्रकार के विमान एवं लाइसेंस के अधीन 13 प्रकार के विमान हैं। एच ए एल द्वारा अब तक 3300 से भी अधिक विमानों, 3400 से अधिक विमान-इंजनों का उत्पादन तथा 7700 से अधिक विमानों एवं 26000 से अधिक इंजनों का ओवरहाल किया जा चुका है।

एचएएल को अनुसंधान व विकास, प्रौद्योगिकी, प्रबंधकीय निष्पादन, निर्यात, ऊर्जा की बचत, गुणवत्ता एवं सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में अनेक अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। गुणवत्ता एवं दक्षता में कारपोरेट उपलब्धि के लिए अंतर्राष्ट्रीय सूचना एवं विपणन केन्द्र (आई आई एम सी) ने मेसर्स ग्लोबल रेटिंग, युनाइटेड किंगडम के संयोजन से मेसर्स हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड को अंतर्राष्ट्रीय शिखरसम्मेलन (वैश्विक मूल्यांकन नेता 2003), लंदन, यू.के. ने अंतर्राष्टीय स्वर्ण पदक पुरस्कार से सम्मानित किया है। गुणवत्ता, नेतृत्व, प्रौद्योगिकी एवं प्रवर्तन के प्रति एच ए एल की वचनबद्धता की पहचान के रूप में स्वर्ण संवर्ग में अंतर्राष्ट्रीय यूरोप का पुरस्कार भी कंपनी को प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर स्कोप (सरकारी उद्यमों का स्थायी सम्मेलन) द्वारा प्रवर्तित उच्च पुरस्कार अर्थात् सरकारी उपक्रम प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पारितोषिक एच ए एल को मिला है।

एचएएल द्वारा सैनिक एवं नागरिक उड्डयन के लिए अनेक अनुसंधान व विकास कार्य सफलतापूर्वक अपनाए गए हैं। ध्रुव-एड्वान्स्ड लाइट हेलिकाप्टर (ए एल एच), तेजस-लाइट कंबाट एयरक्राफ्ट (एल सी ए), माध्यमिक जेट प्रशिक्षक (आई जे टी) तथा विभिन्न सैनिक एवं नागरिक स्तरोत्थानों जैसी वर्तमान परियोजनाओं में गणनीय प्रगति प्राप्त हुई है। धु्रव के उत्पादन के प्रथम वर्ष के दौरान ही, मार्च, 2002 में, भारतीय थल सेना, वायुसेना एवं तटरक्षक को सुपुर्दगी कर दी गयी, जो अनन्य उपलब्धि है। (हिफी)

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