शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने घेरा डिप्टी CM आवास-पुलिस ने भांजी लाठियां
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम के आवास पर पहुंचते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। डिप्टी सीएम को अपनी शिकायत बताने को आगे बढ़ रहे शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की। लेकिन आगे बढ़ रहे शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए उन्हें वहां से दौड़ाया। शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा किये गये लाठीचार्ज पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने कहा है कि जिस मामले में राज्य पिछडा वर्ग आयोग मान चुका है कि इस भर्ती आरक्षण में घोटाल हुआ है। परंतु सरकार की दबंगई के आगे युवाओं की क्या मजाल जो वह अपना विरोध दर्ज करा सके।
बुधवार को राज्य में 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में बरती गई अनियमितताओं को लेकर अभ्यर्थी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंचे। इस दौरान हाथों में बैनर और नारे लिखी तख्तियां लेकर डिप्टी सीएम आवास की तरफ बढ़ रहे युवकों का पुलिस ने रास्ता रोक लिया। अभ्यर्थियों की इसे लेकर पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। जिसके चलते मामला बिगड़ गया और लाठियां फटकार कर अपनी बात डिप्टी सीएम को बताने जा रहे शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों को पुलिस ने वहां से खदेड़ा। पुलिस के लाठीचार्ज किए जाते ही मौके पर भगदड़ मच गई। अभ्यर्थियों ने अपनी जान बचाने के लिए आसपास की दुकानों व मकानों में शरण ली। इस दौरान कई राहगीर भी पुलिस की लाठियों की चपेट में आ गए।
शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा किये गये लाठीचार्ज पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने अपने टिवटर हेंडिल पर टवीट करते हुए कहा है कि शिक्षक भर्ती के जिस मामले में राज्य पिछडा वर्ग आयोग भी यह मान चुका है कि शिक्षक भर्ती आरक्षण में अनियिमिताये बरती गई उस मामले में युवाओं की सरकार की दबंगई के आगे क्या मजाल है कि वह अपने हक की आवाज उठा सके। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में प्रश्न गलत या पाठ्यक्रम से बाहर होने के मुद्दे पर अभ्यर्थियों से प्रश्न चिन्हित करते हुए 2 सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। साथ ही सरकार को इस हलफनामे का 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने नियुक्ति प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करते हुए कहा है कि भर्ती के बाकी बचे पदों पर की जाने वाली नियुक्तियां अपीलों के निर्णय पर निर्भर करेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र एवं न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ में अभिषेक श्रीवास्तव व 14 अन्य सहित आधा दर्जन विशेष अपीलों पर वरिष्ठ अधिवक्ता एनसी राजवंशी और अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी तथा सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी को सुनकर दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि एकल पीठ का आदेश सही नहीं है। कोर्ट को याचिका सुनने का अधिकार है। कोर्ट ने अभ्यर्थियों से उन प्रश्नों को चिन्हित कर हलफनामा दाखिल करने को कहा है जिन पर उनकी आपत्ति है।