आवारा कुत्तों से मिलेगी निजात- की जाएगी नसबंदी- शुरू होगा अभियान

आवारा कुत्तों से मिलेगी निजात- की जाएगी नसबंदी- शुरू होगा अभियान

चंडीगढ़ । सरकार ने आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या के प्रति मानवीय रूख अपनाते हुये आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने और इनके कारण होने वाले हादसों को रोकने के लिए नसबंदी मुहिम को तेज़ करने का फ़ैसला किया है।

इसके लिए स्थानीय निकाय विभाग की ओर से एंटी बर्थ कंट्रोल और एंटी-रैबीज ए.बी.सी. / ए.आर. प्रोग्राम को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए वैटरनरी डाक्टरों की सहायता ली जायेगी। इसके लिये लोगों से सहयोग मांगा जायेगा ।

यह फ़ैसला आज यहाँ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की समस्या पर काबू पाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की प्रगति की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव विनी महाजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया । मुख्य सचिव ने स्थानीय निकाय विभाग को यह यकीनी बनाने के लिए कहा कि सभी शहरी संस्थाओं सिर्फ़ उन पशु कल्याण संस्थाओं / ग़ैर सरकारी संगठनों एन.जी.ओज़ को इस कार्य में शामिल करें जिनको ए.बी.सी. / ए.आर. प्रोग्राम को चलाने के लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड से अपेक्षित अनुमति मिली हुई है। महाजन को बताया गया कि राज्य भर के शहर और गाँव में अब तक 1.7 लाख से अधिक आवारा कुत्ता की नसबंदी की जा चुकी है।

मुख्य सचिव ने अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-वित्त कमिशनर ग्रामीण विकास एवं पंचायतें विभाग सीमा जैन को ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए और कदम उठाने के निर्देश दिए। जैन ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायतें विभाग द्वारा मुक्तसर, जालंधर और अमृतसर जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ही 1,041 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है।

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