सेना की कार्रवाई में छह आतंकी ढेर-मुठभेड़ अभी तक भी जारी
नई दिल्ली। कश्मीर में नागरिकों और सैनिकों की हत्याएं करते हुए खुद को तुर्रम खां समझ रहे आतंकवादियों को सेना की ओर से करारा जवाब देते हुए जंगल में छिपे आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। आतंकवादियों के साथ सेना की मुठभेड़ अभी तक भी जारी है। सेना के जवान तीन चार आतंकवादियों के साथ आमने-सामने की मुठभेड़ में मोर्चा ले रहे हैं।
कश्मीर में पिछले कई दिनों से आम आदमियों के साथ सैनिकों को अपनी सनक का निशाना बनाते हुए उनकी हत्या कर रहे आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना ने मोर्चा संभालते हुए उन्हें करारा जवाब दिया है। मंगलवार को सेना ने राजौरी के जंगलों में हुई मुठभेड़ के दौरान पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छह आतंकवादियों को अपनी गोली का निशाना बनाते हुए ढेर कर दिया है। भारतीय सेना के 16 कॉर्प्स के जवान अभी तक भी तीन चार आतंकवादियों के साथ मोर्चा लेते हुए उन्हें ठिकाने के प्रयासों में लगे हुए हैं। राजौरी पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 9 सैनिकों की शहादत के बाद 16 अक्टूबर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय कमांडर को बुलाकर उनके साथ मुलाकात की थी और आतंकवादियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन के बारे में समुचित जानकारी प्राप्त की थी। आज हुई मुठभेड़ के चलते माना जा रहा है कि इस दौरान जनरल बिपिन रावत ने आर्मी कमांडर से कहा था कि वह खुद आतंकियों का पीछा करने की बजाय उनके आने का इंतजार करें और मौका पाते ही उन्हें ठिकाने लगा दें। भारतीय सेना के एक कमांडर ने बताया है कि हमारे सैनिकों की शहादत की वजह यह थी कि आतंकी इन जंगलों में छुपकर ऑपरेट कर रहे थे। इसके चलते वह आसानी से अपना ठिकाना बदल रहे थे और बड़ी संख्या में फोर्स उनकी तलाश में जुटी हुई थी। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पिछले 2 से 3 महीनों के भीतर 9 से 10 लश्कर आतंकवादियों ने राजौरी पुंछ सीमा से भारत में घुसपैठ की थी।