केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे की जमानत पर SC ने सुरक्षित रखा फैसला
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले वर्ष के अक्टूबर महीने में हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया गया है, जिसके चलते अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के समर्थकों के दिलों की धडकने बढ गई है और उनमें टेंशन सी व्याप्त हो गई है।
सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले वर्ष की 3 अक्टूबर दिन रविवार को हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र मोनू की जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अदालत के सामने पेश हुए सीनियर वकील महेश जेठमलानी ने भी माना है कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा एक गंभीर अपराध का मामला है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के भागने का जोखिम नहीं है।
उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू की जमानत के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पूछा है कि न्यायाधीश कैसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर विस्तार से गौर कर सकता है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष की 3 अक्टूबर दिन रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दौरान 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकी के अनुसार डिप्टी सीएम केशव मौर्य के इलाके में दौरे को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे 4 किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया था, जिसमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र का बेटा आशीष मिश्र मोनू बैठा हुआ था। घटना के बाद गुस्साए किसानों ने चालक एवं भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।