रुखसाना से रुकमणी बनी युवती- गंडक में लगाई डुबकी और लिए दोस्त संग फेरे
पटना। बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचनों से प्रभावित हुई मुस्लिम युवती रुखसाना ने हिंदू धर्म स्वीकार करने के बाद रुकमणी बनते हुए अपने प्रेमी रोशन के साथ मंदिर में सात फेरे लेते हुए शादी रचा ली है।
दरअसल बिहार के वैशाली के लालगंज के रहने वाले रोशन कुंवर की मुलाकात तकरीबन 4 साल पहले जयपुर कॉलेज में मुजफ्फरपुर के एक गांव में रहने वाली युवती रुखसाना अंसारी के साथ हुई थी। यह मुलाकात धीरे-धीरे जान पहचान में बदली और कुछ दिनों बाद ही आहिस्ता आहिस्ता दोनों की मोहब्बत में तब्दील हो गई।
आधुनिक युग में एक दूसरे को जोड़ने का माध्यम बने मोबाइल ने रोशन एवं रुकसाना अंसारी को मिलाने के लिए एक सेतु के रूप में काम किया। लगातार मोबाइल पर बात होते रहने से दोनों एक दूसरे के इतने करीब आ गए कि उन्होंने जीवन भर साथ रहने की कसम उठा ली। लेकिन दोनों के बीच में मजहब की दीवार आकर खड़ी हो गई थी। इसी बीच बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बिहार में आगमन हुआ और पटना में आयोजित हुए कार्यक्रम में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचन से प्रभावित हुई रुखसाना ने अपना धर्म परिवर्तन करने का फैसला लिया।
गंडक नदी में स्नान करने के बाद अन्य नदियों के पवित्र जल से रुखसाना को नहलाकर हिंदू धर्म में प्रवेश दिलाया गया और वह रुखसाना से रुकमणी बन गई। इसके बाद दोनों ने लालगंज के रेपुरा गांव स्थित अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर में पहुंचकर अग्नि के सात फेरे लिए। पंडित कमलाकांत पांडे ने मंत्रोचार के बीच दोनों का मंदिर में विवाह संपन्न कराया। इस अनोखी शादी को देखने के लिए कई गांव के लोग मौके पर उमड़ पड़े। शादी संपन्न होने पर सभी ने वर वधु को सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद दिया। बाद में रुखसाना ने मीडिया के सामने आते हुए उसके सवालों के जवाब भी दिए और बताया कि पटना में जब वीरेंद्र शास्त्री का प्रवचन हुआ तो उन्हें सुनने से उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली और वह मोहब्बत की खातिर रुखसाना से रुकमणी बन गई।