रोडवेज वेतन मामला-48 घंटे में बैठक बुलाकर हल निकाले सरकार-हाई कोर्ट

रोडवेज वेतन मामला-48 घंटे में बैठक बुलाकर हल निकाले सरकार-हाई कोर्ट

नई दिल्ली । उत्तराखंड परिवहन निगम (यूटीसी) के कर्मचारियों को पिछले चार महीने से वेतन का भुगतान नहीं किये जाने के मामले में शनिवार को अवकाश के बावजूद हुई विशेष सुनवाई में उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सरकार को सोमवार को मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाकर मामले का हल निकालने का अनुरोध किया है और मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह मंगलवार को इस संबंध में अदालत को सूचित करें।

रोडवेज कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष कमल पपनै एवं महासचिव अशोक चौधरी की ओर से दायर जनहित याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने आज ये निर्देश जारी किया है। अदालत के शुक्रवार को दिये गये कड़े निर्देश के बाद आज अवकाश के बावजूद अदालत ने इस मामले में विशेष सुनवाई की।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश, वित्त सचिव अमित नेगी, परिवहन सचिव रणजीत सिन्हा और यूटीसी के प्रबंध निदेशक अभिषेक रोहिला अदालत में वर्चुअली पेश हुए। मुख्य सचिव की ओर से अदालत को बताया गया कि शासन ने यूटीसी को हिल लाॅस के रूप में 23 करोड़ की धनराशि कल अवमुक्त कर दी है और साॅफ्ट लोन का प्रस्ताव वित्त विभाग को सौंप दिया गया है।

रणजीत सिन्हा ने यह भी बताया कि फरवरी से मई तक के वेतन के भुगतान हेतु यूटीसी को प्रति महीने लगभग 17 करोड़ के हिसाब से 68 करोड़ रुपये का फंड चाहिए। मुख्य सचिव ने हालांकि कहा कि आकस्मिकता निधि (कंटीनजेंसी फंड) से इस धनराशि का भुगतान करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसके लिये मंत्रिमंडल की स्वीकृति आवश्यक है।

इसके बावजूद अदालत संतुष्ट नजर नहीं आयी और उसने कहा कि पिछले लंबे समय से यूटीसी के कर्मचारी वेतन की समस्या को झेल रहे हैं और सरकार इस मामले में सोयी हुई है। अदालत ने कहा कि वेतन कर्मचारियों का मूलभूत अधिकार है और सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी भी है कि ऐसी मुश्किल घड़ी में सरकार एक कस्टोडियन के तौर पर लोगों की मदद करे। अदालत ने अपने आदेश में सरकार को उसके अधिकारों को याद दिलाते हुए संविधान की धारा 21, 23 एवं 43 की विस्तृत व्याख्या करते हुए उच्चतम न्यायालय के कपिला हिन्दूरानी बनाम बिहार सरकार समेत तीन आदेशों का हवाला भी दिया है।

अदालत ने आगे कहा कि यूटीसी के हजारोें कर्मचारियों को वेतन न मिलने का मामला चारधाम यात्रा से अधिक महत्वपूर्ण है। सरकार चारधाम यात्रा को लेकर मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुला सकती है तो इस मामले के समाधान के लिये भी बुलायी जा सकती है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश एवं महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर की ओर से बैठक के लिये सोमवार की जगह अतिरिक्त समय देने की मांग की गयी लेकिन अदालत ने अस्वीकार कर दिया।

अंत में अदालत ने अपने आदेश में मुख्यमंत्री से 28 जून (सोमवार) को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने और मामले के समाधान करने का अनुरोध किया है और मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि मंत्रिमंडल में लिये गये निर्णय की जानकारी अगले दिन (29 जून को) अदालत में पेश करें। इस मामले में 29 जून को सुनवाई होगी।

वार्ता

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