बारिश से सड़कें हुई जलमग्न- कांवडियों की राह में पानी ही पानी

बारिश से सड़कें हुई जलमग्न- कांवडियों की राह में पानी ही पानी

खतौली। श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को हर तरह की सुविधा देने का वादा करने वाली नगर पालिका की अकर्मण्यता की वजह से कांवड़ियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी बारिश के दौरान हुए जल भराव से भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। शहर के नालों के पूरी तरह साफ नहीं होने की वजह से बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो गया, जिससे कावड़ियों की राह में पानी ही पानी सड़कों पर खड़ा दिखाई दिया। घरों के भीतर पानी घुसने से लोगों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा है।


सोमवार को श्रावण मास की शुरुआत होते ही जमकर बरसे मेघाओं ने शहर को पानी ही पानी के रूप में तब्दील कर दिया है। हालात ऐसे बने कि झमाझम बरस रहे पानी के बोझ से शहर के नाले बुरी तरह से कर्राह उठे। थोड़ी ही देर में पानी से लबालब हुए नालों ने जब अपने भीतर बरसाती पानी को समाहित करने से इनकार कर दिया तो बारिश के पानी ने सड़कों को नाले को रूप में तब्दील करते हुए उसके ऊपर से बहना शुरू कर दिया। नाले के पानी ने सड़क किनारे बनी दुकानों एवं मकानों में अपना कब्जा जमाते हुए लोगों को आर्थिक चोट भी पहुंचाई।

सबसे बड़ी दिक्कत गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर लौट रहे कांवड़ियों को झेलनी पड़ी। शहर की मुख्य सड़क पुराने जीटी रोड पर कई कई फुट पानी खड़ा हो गया। जिसके भीतर से गुजरते हुए कांवड़िया गंगाजल को लेकर निकले। पूरे शहर में कांवड़ियों को पानी से भरी नदी की तरह सड़क से निकलना पड़ा। सड़कों के पानी से लबालब होने की वजह से अनेक वाहन पानी के भीतर ही जमकर खड़े हो गए। खराब हुए वाहनों को धक्का देकर बाहर निकाला गया।

उल्लेखनीय है कि कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले नगर पालिका परिषद की ओर से दावा किया गया था कि शिवभक्त कावड़ियों को शहर से गुजरने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए सोशल मीडिया पर बाकायदा एक इश्तिहार भी जारी किया गया था। मगर नगर पालिका परिषद ने शहर के नालों की तली झाड़ सफाई तो कराई ही नहीं, बल्कि बरसाती पानी को शहर से बाहर भेजने वाले मुख्य बड़े नाले की भी ठीक से सफाई नहीं कराई, जिसके चलते शहर का पानी बाहर नहीं निकल सका और उसने सड़कों पर ही अपना डेरा जमा लिया।

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