ऋषियों की भूमि है ऋषिकेश मजार भूमि नहीं और बजा दिया हथौड़ा

ऋषियों की भूमि है ऋषिकेश मजार भूमि नहीं और बजा दिया हथौड़ा

ऋषिकेश। उत्तराखंड की देवभूमि ऋषिकेश में देवभूमि रक्षा अभियान के बैनर तले इकट्ठा हुए लोगों ने धार्मिक नारे लगाते हुए दो धर्म स्थलों को ध्वस्त कर दिया है। इस ध्वस्तीकरण की फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग भी की गई। सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो में हथौड़ा बजा रहा व्यक्ति कह रहा है कि ऋषिकेश ऋषियों की भूमि है, मजार भूमि नहीं। लिहाजा ऋषिकेश में इन धर्म स्थलों को बख्शा नहीं जाएगा। मामला उजागर होते ही पुलिस द्वारा इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।

उत्तराखंड के ऋषिकेश में देवभूमि रक्षा अभियान के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने धार्मिक नारे लगाते हुए दो धर्म स्थलों को हथौडा बजाकर जमीदोंज कर दिया है। धार्मिक स्थलों पर हथौड़ा चलाये जाने से पहले एक व्यक्ति ने कहा है कि ऋषिकेश में इन धर्मस्थलों को बख्शा नहीं जाएगा। क्योंकि ऋषिकेश ऋषियों की भूमि है, मजार भूमि नहीं। इस घटना को देखने वाले स्थानीय लोगों ने कहा है कि जेसीबी मशीनों एवं हथौड़ों से दो धार्मिक स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया है।


एसपी ग्रामीण कमलेश उपाध्याय ने कहा है कि ध्वस्त की गई मजारे ऋषिकेश में अमित ग्राम गुमानीवाला में निजी भूमि पर बनाई गई थी। जमीन के मालिकों ने इन्हें हटाने की सहमति हिंदूवादी संगठनों को दे दी थी। लेकिन तोड़फोड़ करने वालों ने इस बाबत ना तो पुलिस को सूचना दी और ना ही मौके पर पुलिस मौजूद थी। पुलिस विभाग ने उन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ इस बाबत मुकदमा दर्ज किया गया है जिन्होंने इस घटना को फेसबुक पर लाइव स्ट्रीम किया था।

इस बीच देवभूमि रक्षा अभियान के प्रमुख दर्शन भारती ने कहा है कि हमें उस जमीन के मालिकों से उन्हें ध्वस्त करने की लिखित अनुमति प्राप्त हो गई थी। किसी ने उन्हें यह बताकर गुमराह किया था कि मजारों को निजी भूमि पर बनाने की अनुमति देने से उनके घरों के भीतर सुख समृद्धि आ जाएगी।

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