100 करोड़ की वसूली-गई होम मिनिस्टर की कुर्सी-सौंपा इस्तीफा
मुंबई। उच्च न्यायालय द्वारा 100 करोड़ रुपए प्रतिमाह की वसूली के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेशों के बाद सूबे की राजनीति में मचे घमासान के बीच गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आखिरकार गाज गिर ही गई। होम मिनिस्टर अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर हुई बैठक के बाद दिया गया। उधर बताया जा रहा है कि अब दिलीप पाटिल राज्य के नए गृह मंत्री होंगे।
सोमवार को मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा राज्य के गृहमंत्री पर लगे सौ करोड रूपये प्रतिमाह वसूली के आरोपों की सीबीआई द्वारा जांच के आदेशों के बाद राज्य के सियासी हल्कों में मचे भारी घमासान के बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि मुंबई हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ मुलाकात की थी और अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई। जिसे लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी अपनी सहमति दे दी। उन्होंने कहा कि मुंबई हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करने के लिए गृह मंत्री द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने का यह कदम उठाया गया है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को भेजे गए पत्र में कुर्सी छोड़ने को मजबूर हुए अनिल देशमुख ने लिखा है कि मुंबई हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद उन्हें गृह मंत्री के रूप में पद पर बने रहना नैतिक रूप से सही नहीं लगता है। गौरतलब है की सोमवार की सवेरे मुंबई हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के तुरंत बाद एनसीपी मुखिया शरद पवार और डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच एक बैठक हुई। शरद पवार के मुंबई स्थित आवास पर हुई इस बैठक में गृह मंत्री अनिल देशमुख और सुप्रिया सुले भी मौजूद थे। बैठक में इस पूरे मुद्दे पर गहनता के साथ चर्चा की गई। उधर अनिल देशमुख के पद से इस्तीफा देने के बाद माना जा रहा है कि दलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री हो सकते हैं। 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोपों में घिरे अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद वह इस पद को संभालेंगे। दिलीप वलसे पाटिल पुणे ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं। दिलीप वलसे पाटिल को एनसीपी के साफ छवि वाले नेताओं में से एक माना जाता है। वह कई बार महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं और विधानसभा के स्पीकर का पद भी संभाल चुके हैं। इसके अलावा शरद पवार के एनसीपी में सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते हैं। हालांकि उन्हें गृहमंत्री बनाए जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। एनसीपी के सूत्रों का कहना है कि गठबंधन सरकार के गठन के दौरान भी पाटिल को गृह मंत्री बनने का ऑफर दिया गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से इससे इनकार कर दिया था।