अनशन पर बैठे महामंडलेश्वर को रात के अंधेरे में उठा ले गई पुलिस

अनशन पर बैठे महामंडलेश्वर को रात के अंधेरे में उठा ले गई पुलिस

गाजियाबाद। देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर कलेक्ट्रेट में बैठे महामंडलेश्वर को पुलिस और प्रशासन रात के अंधेरे में घेराबंदी करते हुए उठाकर अपने साथ ले गया। कलेक्ट्रेट से उठाएं गए महामंडलेश्वर को डासना देवी मंदिर में छोड़ दिया गया है। आमरण अनशन से उठाए गए महामंडलेश्वर ने अब ऐलान किया है कि वह 10 नवंबर से मेरठ कमिश्नरी पर अपना आमरण अनशन शुरू करेंगे।

गाजियाबाद स्थित कलेक्ट्रेट में 30 अक्टूबर से जनसंख्या नियंत्रण की मांग को लेकर धरने पर बैठे जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिल चौधरी के समर्थन में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि भी मंगलवार को आमरण अनशन करने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर जा रहे थे। लेकिन राजधानी पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर उन्हें रोककर वापस लौटा दिया था।

बुधवार को यति नरसिंहानंद गिरि गाजियाबाद कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन शुरू करने के लिए पहुंचे थे। यति नरसिंहानंद गिरि का आरोप है कि बुधवार को आधी रात के बाद जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह स्वयं पुलिस फोर्स के साथ कलेक्ट्रेट में आए और उन्हें बलपूर्वक वहां से उठाकर एसडीएम की गाड़ी में बैठाकर डासना देवी मंदिर में पहुंचा दिया।

महामंडलेश्वर को आमरण अनशन से उठाए जाने को लेकर अखिल भारतीय धर्म रक्षक त्यागी ब्राह्मण महासंघ के मुख्य संरक्षक के सेवानिवृत कर्नल अमरदीप त्यागी ने कहा है कि एक सन्यासी का ऐसे ही अपमान किया जाता रहा तो संपूर्ण त्यागी समाज लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेगा। इस बीच महामंडलेश्वर ने 10 नवंबर से मेरठ स्थित कमिश्नरी दफ्तर पर अब आमरण अनशन शुरू करने का ऐलान किया है।

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