मरीज की जान से ज्यादा सवारियां प्यारी- एंबूलेंस में मरीज की मौत
रायबरेली। एंबुलेंस में मरीज को ले जा रहा चालक रास्ते में मिली सवारियों को बिठाने का लालच नहीं छोड़ सका। सवारियां बैठाने के चक्कर में रास्ते में ही देरी हो जाने की वजह से समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके मरीज की मौत हो गई। इस मामले को लेकर परिजनों की ओर से किए गए हंगामे के बाद एंबुलेंस चालक और ईएमटी को तत्काल प्रभाव से बाहर का रास्ता दिखाते हुए अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से मरीजों को लाने ले जाने के लिए संचालित की जा रही 108 एंबुलेंस सवारियां ढोने का काम कर रही है। रायबरेली के सलोन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर किए गए मरीज को लेकर जिला अस्पताल जा रही एंबुलेंस के चालक ने रास्ते में गाड़ी रोककर एंबुलेंस में सवारियां बैठाने शुरू कर दी। सवारियां बिठाने के चक्कर में मरीज समय से अस्पताल नहीं पहुंच सका, इससे रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने एंबुलेंस चालक के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
एंबुलेंस चालक की इस करतूत का वीडियो बनाकर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कराई। जांच में एंबुलेंस चालक और ईएमटी की लापरवाही उजागर होने के बाद दोनों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है और दोनों के खिलाफ अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
एंबुलेंस चालक द्वारा सवारियां बैठाने का काम ऐसे मौके पर किया गया है, जब हादसे में घायल हुई महिला एंबुलेंस के भीतर जिंदगी पाने के लिए मौत से लड़ाई लड़ रही थी। लेकिन एंबुलेंस के चालक और ईएमटी ने अपनी अतिरिक्त कमाई के चक्कर में एंबुलेंस में पड़े मरीज की जान की फिक्र नहीं की। समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने से भीतर लेटी घायल महिला की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई।