अब कोरोना वैक्सीन पर राजनीति

अब कोरोना वैक्सीन पर राजनीति

तिरुवनन्तपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन के मुफ्त में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने वाले बयान को लेकर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग का रुख किया है। यूडीएफ और भाजपा ने 13 दिसम्बर को राज्य चुनाव आयोग के पास इस बात का विरोध दर्ज कराया। विपक्षी दलों का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह बयान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। यह एलान ऐसे समय पर किया गया है जब चार उत्तरी जिलों में 14 दिसंबर को अंतिम चरण के निकाय चुनाव होने वाले हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि यह बयान जल्दबाजी में दिया गया है और चुनाव से पहले वोटरों को लुभाने की कोशिश है।

वहीं, इन आरोपों पर राज्य सरकार ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे बचकाना कहा है। राज्य सरकार का कहना है कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन एक पत्रकार के सवाल का जवाब दे रहे थे। फ्री वैक्सीन पार्टी के मैनिफेस्टो में भी है। विजयन ने 12 दिसम्बर को कहा था कि राज्य में सभी को कोरोना वैक्सीन निःशुल्क दी जाएगी। किसी से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। वैक्सीन वितरण को लेकर सरकार का यही मत है। बता दें कि राज्य में तीन चरण में निकाय चुनाव हो चुके हैं। अंतिम चरण का मतदान 14 दिसम्बर को संपन्न हुआ है। पहले और दूसरे चरण का मतदान 8 और 10 दिसंबर को हुआ था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी जोसेफ ने भी मुख्यमंत्री की इस घोषणा को लेकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के संयोजक एमएम हसन का कहना है कि गठबंधन ने मुख्यमंत्री के बयान के संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। यह घोषणा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।

बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने भी सीएम विजयन के बयान पर आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि सीएम विजयन चुनाव के बीच ऐसे बयान से वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं।

बता दें कि केंद्र ने मंगलवार को कहा कि भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और फाइजर द्वारा विकसित तीन कोविड-19 वैक्सीन को लेकर चर्चा की जा रही है। उम्मीद है कि जल्दी ही इन्हें इस्तेमाल की अनुमति मिल जाएगी।

केरल में कोरोना वैक्सीन को लेकर मुख्यमंत्री पी. विजयन के बयान पर जिस तरह राजनीति हो रही है, उसे बिहार के विधानसभा चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है। हास्यास्पद तो यह है कि केरल में भाजपा भी आरोप लगा रही है।

भाजपा के बिहार चुनाव घोषणापत्र में मुफ्त कोविड टीके के वादे को लेकर विपक्षी दलों द्वारा की जा रही आलोचना के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यह घोषणा बिल्कुल ठीक है। कोई पार्टी इस बात की घोषणा कर सकती है कि वह सत्ता में आने पर क्या करना चाहती है। निर्मला सीतारमण ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणापत्र जारी किया था। मुख्य रूप से किए गए वादों में पार्टी के सत्ता में फिर आने पर राज्य के लोगों को मुफ्त में कोविड का टीका लगाया जाना भी शामिल था। इस वादे को लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा की आलोचना की थी। उन्होंने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि सत्ताधारी दल महामारी का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रहा है। भाजपा की वरिष्ठ नेता सीतारमण ने तब संवाददाताओं से कहा था कि यह घोषणापत्र में किया गया एलान है। कोई पार्टी इस बात की घोषणा कर सकती है कि वह सत्ता में आने पर क्या करना चाहती है। स्वास्थ्य राज्य का विषय है। यह पूरी तरह सही है। पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा था कि देश में कोविड-19 के चार प्रकार के वैक्सीन बनाए गए हैं। उनका विभिन्न प्रकार का ट्रायल चल रहा है। वैक्सीन का पहले क्लिनिकल फिर जानवरों पर ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद फिर से क्लिनिकल ट्रायल के बाद ही मनुष्यों पर इसका प्रयोग किया जाएगा और प्रभाव का अध्ययन और आकलन किया जाएगा। इसके बाद देश में वैक्सीन का बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू किया जाएगा। इस प्रकार केरल के मुख्यमंत्री ने कोरोना वैक्सीन को लेकर अपने प्रदेश की जनता से जो वादा किया है, उसको असंवैधानिक कैसे कहा जा सकता है?

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के अनुसार गत 13 दिसम्बर को राज्य में कोविड-19 के 5949 नए मामले सामने आये और 32 लोगों की मौत हो गयी। इसी के साथ राज्य मंे संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 6 लाख 64 हजार हो गये हैं। कोरोना से मरने वालों की संख्या भी बढ़़कर 2594 हो गयी है। यही कारण है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा कि केरल में लोगों को मुफ्त में कोरोना वायरस की वैक्सीन दी जाएगी। इस घोषणा के साथ ही केरल उन राज्यों की बढ़ती सूची में शामिल हो गया, जिन्होंने अपने यहां मुफ्त में वैक्सीनेशन की घोषणा की है, जैसे भाजपा शासित मध्य प्रदेश और बिहार। भाजपा ने अक्टूबर में विधान सभा चुनाव से ठीक पहले बिहार में मुफ्त वैक्सीनेशन का वादा किया था। विजयन ने संवाददाताओं से कहा, यह कोरोना वायरस की वैक्सीन (कोविड-19 टीकाकरण) एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यह एक ऐसी चीज है जिसे बहुसंख्य लोग अब सोच रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है। जबकि केरल में लोगों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता की सीमा एक मुद्दा है। इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है, लेकिन उपलब्ध वैक्सीन मुफ्त में प्रदान किया जाएगा। सरकार का इरादा किसी से भी इसके लिए पैसा लेने का नहीं है। हम मुफ्त वितरण के लिए कदम उठाएंगे।

इसके अलावा विजयन ने लोगों से बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सावधानी न बरतने से राज्य की स्थिति और खराब हो जाएगी।

सीएम ने बताया कि राज्य में एक ही दिन कोविड-19 के 5,949 नए मामले सामने आए और 32 मौत हुई। इसी के साथ राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 6.64 लाख हो गए और मृतकों की संख्या बढ़कर 2,594 हो गई। उन्होंने कन्नूर में संवाददाताओं से कहा कि दिन में 5,268 लोग बीमारी से ठीक हुए, जिससे राज्य में अब तक ठीक हो चुके मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 6,01,861 हो गई जबकि वर्तमान में 60,029 मरीजों का इलाज चल रहा है। राज्य में कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 6,64,632 हो गए हैं। पिछले 24 घंटों में कुल 59,690 नमूनों की जांच की गई और संक्रमण दर 9.97 प्रतिशत रही। अब तक 69,21,597 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की वजह से 32 मौतों की पुष्टि हुई है, जिससे राज्य में मृतकों की संख्या 2,594 हो गई। नए संक्रमितों में 47 स्वास्थ्य कर्मी हैं, जबकि 83 राज्य के बाहर से आए हैं। 5,173 लोग संक्रमितों के संपर्क में आने से इस वायरस की चपेट में आए हैं और 646 लोगों के संक्रमण का स्रोत का पता नहीं चल सका है। विभिन्न जिलों में कुल 3,15,167 लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। इनमें से 13,334 लोग अस्पतालों में हैं। ऐसे मंे मुफ्त वैक्सीन को आचार संहिता का उल्लंघन कहना ठीक नहीं। (हिफी)

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