पुणे पोर्श कार हादसे में नया खुलासा- नाबालिग को बचाने में डस्टबिन....

पुणे पोर्श कार हादसे में नया खुलासा- नाबालिग को बचाने में डस्टबिन....

पुणे। पब के भीतर दारु के पैग उतारकर पोर्श कार को सड़क पर फर्राटा भरते हुए दौड़ाकर दो इंजीनियरों को मौत के घाट उतारने वाले नाबालिग को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। देश में इन दोनों हो रही पुणे पोर्श कार हादसे की चर्चा के बीच पता चला है कि नशे में दो इंजीनियरों को मौत के घाट उतारने वाले नाबालिग को बचाने के लिए डॉक्टरों द्वारा उसके खून के नमूने से छेड़छाड़ करते हुए असली ब्लड सैंपल डस्टबिन में फेंक दिया था। जबकि दूसरे ब्लड सैंपल के माध्यम से नाबालिक की रिपोर्ट नेगेटिव होना बताई गई थी।

सोमवार को पुणे में हुए पोर्श कार हादसे को लेकर पुलिस की ओर से बड़ा खुलासा करते हुए बताया गया है कि दारू के पैग हलक से नीचे उतारने के बाद सड़क पर फर्राटा भरते हुए बाइक सवार दो इंजीनियरों को मौत के घाट उतारने वाले नाबालिग को बचाने के लिए डॉक्टरों ने आरोपी का ब्लड सैंपल लेने के बाद उसे डस्टबिन में फेंक दिया था।

पुलिस ने सबूत से छेड़छाड़ एवं सैंपल बदलने के आरोपी को लेकर दो डॉक्टरों की अरेस्टिंग की है। इससे पहले पुलिस की तरफ से आशंका का जताई जा रही है कि इस मामले में फैमिली ड्राइवर को फंसाने की कोशिश की जा रही है।

पुलिस ने सोमवार को ससून जनरल हॉस्पिटल से दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी की है। आप है कि डॉक्टरों ने आरोपी नाबालिग के खून को किसी अन्य व्यक्ति के खून से बदल दिया था, जिसने शराब का सेवन नहीं किया था। इतना ही नहीं पुलिस की ओर से किए गए दावे में कहा गया है कि डॉक्टरों ने नाबालिग का ब्लड सैंपल लेने के बाद उसे डस्टबिन में फेंक दिया था। ब्लड सैंपल बदलने की जानकारी उस समय हाथ लगी थी जब कराई गई DNA जांच में पता चला कि दोनों सैंपल अलग-अलग व्यक्तियों के हैं।

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