नेताजी की मौत बन गई वसूली का धंधा- वायरल हुई रसीद तो खुली पोल

नेताजी की मौत बन गई वसूली का धंधा- वायरल हुई रसीद तो खुली पोल

जौनपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव की मौत से जहां उनके प्रशंसक बुरी तरह से आहत हैं, वहीं कुछ लोगों ने मौका तलाशते हुए नेताजी की रस्म तेरहवीं के नाम पर चंदा वसूली का कारोबार शुरू कर दिया। वसूली के इस बड़े खेल का भांडा उस समय फूटा जब सोशल मीडिया पर वसूले गए हजारों रुपए की रसीद वायरल हो गई। फजीहत होती देख रस्म तेहरवी एवं ब्रह्मभोज के आयोजन को अब कैंसिल कर दिया गया है।


दरअसल जौनपुर जनपद के पाली गांव के रहने वाले जगदीश यादव ने स्थानीय लोगों की मदद से 22 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के संस्थापक एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव की तेरहवी एवं ब्रह्मभोज के आयोजन का प्लान बनाया था। इसके लिए बाकायदा रसीद छपवाकर चंदा वसूली का काम शुरू कर दिया गया था। सुरेंद्र कुमार नामक एक व्यक्ति की जब 5000 रूपये की रसीद काटी गई तो यह रसीद किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दी।

रसीद के वायरल होते ही राजनीतिक हलकों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी बुरी तरह से हड़कंप मच गया। सत्ता के गलियारों में जब चंदे की यह रसीद वायरल होने लगी तो सपा नेताओं ने इसका संज्ञान लेते हुए आनन-फानन में चंदा वसूली के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम को निरस्त करा दिया है।

उधर कार्यक्रम के आयोजक जगदीश यादव ने अपनी सफाई में कहा है कि ग्रामीणों के सहयोग से प्रतिवर्ष डीही बाबा के मंदिर पर भंडारा किया जाता था। इस साल नेताजी की रस्म तेरहवीं के मौके पर गांव वाले यह कार्यक्रम करना चाहते थे। वायरल चंदे की रसीद को लेकर जगदीश यादव ने कहा है कि चंदे की रसीद में आयोजक हम अकेले नहीं हैं, बल्कि समस्त ग्रामवासी हैं। चंदे की रसीद गांव वालों के नाम से काटी जा रही है। आयोजक की यह दलील अब लोगों के गले नहीं उतर रही है।

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