कुदरत का कहर- एक दो मकान नहीं, पूरा मोहल्ला ही धंस गया

कुदरत का कहर- एक दो मकान नहीं, पूरा मोहल्ला ही धंस गया

नई दिल्ली। कुदरत का जब कहर टूटता है और प्रलय आती है तो तमाम इंतजाम धरे के धरे रह जाते हैं। हिमाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश एवं भूस्खलन का दौर चल रहा है, जिसके चलते पिछले दो दिनों के भीतर तकरीबन पांच दर्जन लोगों की जान जा चुकी है। हालात ऐसे हो चले हैं कि भूस्खलन के बाद एक इलाके में आठ घर ढह गए हैं और बूचड़खाना मलबे में दब गया है। विशालकाय पेड़ के गिरने से कई मकान पल भर के भीतर जमीदोंज हो गए हैं।

हिमाचल प्रदेश में इस समय कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है। शिमला, सोलन और मंडी समेत राज्य के कई जनपदों में हुई लैंडस्लाइड की घटना में स्थानीय लोगों द्वारा ली गई तस्वीरें और वीडियो बड़े ही भयानक और डरावने लग रहे हैं।

राज्य में पहाड़ों के दरकने से कई मकान एक साथ मिट्टी में मिल गए हैं। राज्य आपात अभियान केंद्र के मुताबिक 22 जून से लेकर 14 अगस्त तक मानसून के बरपते कहर की वजह से 7171 करोड़ रुपए का राज्य में नुकसान हुआ है। करीब 9600 मकान या तो आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कृष्णा नगर इलाके में हुए लैंडस्लाइड के बाद कम से कम 8 मकान ढह गए हैं और एक बूचड़खाना मलबे में दब गया है। बूचड़खाने का भवन गिरने से कई लोगों के उसके मलबे में दबने की संभावना है। उधर विशालकाय पेड़ गिरने से कई मकान पल भर में जमींदोज हो गए हैं। इस घटना में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।

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