मुजफ्फरनगर तेरी यही कहानी- बारिश होते ही चहूंओर पानी ही पानी
मुजफ्फरनगर। जरा सी बारिश होते की चहूंओर पानी ही पानी होना मुजफ्फरनगर की नियति बन गई है। श्रावण मास के पहले दिन हुई बारिश से सड़कों पर चारों तरफ पानी ही पानी हो गया। हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे कावड़ियों को नदी बनी सड़कों से होकर गुजरते हुए अपनी मंजिल की तरफ बढ़ना पड़ा।
सोमवार को सावन मास की शुरुआत के पहले दिन हुई झमाझम बारिश के पानी ने नगर पालिका परिषद की ओर से नालों की साफ सफाई कराए जाने के दावों की पोल खोल कर सभी के सामने स्पष्ट रूप से रख दी है। रही सही कसर सड़कों पर जमा हुए बरसाती पानी ने आसपास के मकान एवं दुकानों में घुसते हुए उजागर कर दी है। बारिश के दौरान हालात ऐसे हुए कि शहर समुद्र के रूप में तब्दील हो गया। शहर की जिस भी सड़क पर नजर दौड़ाई गई वह पानी से पूरी तरह से लबरेज हुई दिखाई दी।
शहर के जानसठ रोड, महावीर चौक, मीनाक्षी चौक, शिव चौक, बड़ा डाकखाना, रुड़की रोड, मेरठ रोड, खालापार, फक्कर शाह चौक आदि स्थानों पर जलभराव से ऐसे हालात हुए कि लोगों को सड़क से गुजरना भी ठीक से मयस्सर नहीं हो सका। स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य शहरों एवं गांव देहात के लोगों को भी शहर की साफ सफाई व्यवस्था के नजदीक से उस समय दर्शन हुए जब हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे शिवभक्त कांवड़ियों को नदी बनी सड़कों से होकर गुजरते हुए अपनी मंजिल की तरफ बढ़ना पड़ा।
कांवड़िए घुटनों घुटनों सड़क पर खड़े पानी से होकर गुजरते हुए स्थानीय नगर पालिका प्रशासन की व्यवस्थाओं को कोसते हुए अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते रहे। उल्लेखनीय है कि कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले नगर पालिका प्रशासन की ओर से कांवड़ियों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने के लंबे चौड़े वायदे किए गए थे।
नगर पालिका परिषद की चेयर पर्सन ने भी रस्म अदायगी के लिए कांवड़ यात्रा मार्गों का निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए थे। चेयरपर्सन और नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी के निर्देशों का कितना पालन हुआ है वह आज शहर की सड़कों पर चारों तरफ हुए पानी ही पानी के दौरान साफ तौर से दिखाई दिया है।