मुन्ना बजरंगी गिरोह का सुपारी किलर लखनऊ से गिरफ्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने मुन्ना बजरंगी व अमन सिंह गिरोह के कुख्यात शूटर सुपारी किलर व वांछित लूटेरे अभिनव सिंह उर्फ बड़ू को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर एसटीएफ ने लखनऊ के चिनहट इलाके से मुन्ना बजरंगी का आपराधिक उत्तराधिकारी, अमन सिंह गिरोह का कुख्यात शूटर अभिनव प्रताप सिंह को कल रात गिरफ्तार किया गया। यह बदमाश मूल रुप से अयोध्या का रहने वाला है।
उन्होंने बताया कि झारण्ड के औद्योगिक जिले धनबाद एवं राॅची में विगत कुछ वर्षों से व्यापारियों व कोल कम्पनियों में नियुक्त अधिकारियों से रंगदारी मांगने की घटनाएं निरन्तर हो रहीं थीं। रंगदारी न देने पर हत्या एवं हत्या के प्रयास जैसी जघन्य घटनाएं भी कारित की जा रही थी। जिसके सम्बन्ध में कई अभियोग भी पंजीकृत है। रंगदारी आभासी दूरभाष नम्बरों से मांगे जाने के कारण वास्तविक अपराधी तक पहुॅचना स्थानीय पुलिस-प्रशासन के लिए बहुत ही मुश्किल हो रहा था। परिणाम स्वरूप व्यापारियों में दहश्त के साथ-स्थानीय प्रशासन को निरन्तर शांति व्यवस्था की समस्या से भी गुजरना पड़ रहा था। छानबीन के बाद धनबाद व राॅची जेल में निरूद्ध उत्तर प्रदेश के अपराधी अमन सिंह व धर्मेन्द्र प्रताप सिंह
उर्फ रिन्कू द्वारा इन घटनाओं को उत्तर प्रदेश के शूटर्स के माध्यम से कराये जाने की जानकारी होने पर मुरारी लाल मीना, अपर पुलिस महानिदेशक, स्पेशल ब्रान्च, रांची द्वारा एसटीएफ से घटनाओं के खुलासे एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी में सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया गया था।
प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में दर्ज मुकदमों के विवेचक को झारखण्ड से भी एसटीएफ मुख्यालय भेजा गया। इस क्रम में एसटीएफ मुख्यालय पर तैनात पुलिस उपाधीक्षक प्रमेश कुमार शुक्ल को अभिसूचना संकलन एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। उन्होंने बताया कि झाखण्ड पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए प्राप्त सूचनाओं को विकसित करने पर पता चला कि अम्बेडकरनगर निवासी अमन सिंह रांची जेल में तथा प्रयागराज निवासी धर्मेन्द्र सिंह उर्फ रिन्कू सिंह धनबाद के डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या में निरूद्ध है, जिन्हाेंने कोल इण्डस्ट्री में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए -झारखण्ड व उत्तर प्रदेश के अपराधियों का एक संगठित गिरोह तैयार किया है, जो आपस में इन्टरनेट कालिंग के माध्यम से निरन्तर सम्पर्क में रहकर धनबाद व रांची में आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे है। जेल के बाहर अयोध्या निवासी अभिनव प्रताप सिंह द्वारा गिरोह को संचालित किया जा रहा है जिसके विरूद्ध पूर्व से कई जघन्य अपराधों के अभियोग पंजीकृत हैं। इन अपराधियों को पूर्व में मुन्ना बजरंगी द्वारा आर्थिक व आपराधिक सहयोग प्रदान किया जाता था, जो बाद में मुख्तार अंसारी के माध्यम से किया जाने लगा।
उन्होंने बताया कि सूचना संकलन के क्रम में जानकारी प्राप्त हुई कि अभिनव प्रताप सिंह लखनऊ में चिनहट इलाके के मटियारी चौराहा आने वाला है। इस सूचना पर निरीक्षक पंकज मिश्र के नेतृत्व में एक टीम तथा झाखण्ड पुलिस के विवेचक अजय सिंह यादव व आरक्षी दीपक सिंह को साथ लेकर मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर पहॅुचकर घेराबन्दी कर अभियुक्त अभिनव प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ पर गिरफ्तार शूटर ने बताया कि वह अजय सिंह सिपाही का रिश्तेदार है, जिसके अपराधिक ग्लैमर से प्रभावित होकर वर्ष 2009 से ही छात्र जीवन से ही उससे जेल में मिलने जाने लगा था। वहीं पर अयोध्या जेल में अमन सिंह से मुलाकात हुई थी। अजय सिंह सिपाही के नाम पर विवादित सम्पत्ति पर कब्जा दिलाने के नाम पर अजय सिपाही के साढू संदीप सिंह के साथ प्रापर्टी डिलिंग करने लगा।
प्रवक्ता ने बताया कि इसी दौरान वर्ष 2014 में अयोध्या जिले के महराजगंज क्षेत्र में बैंक आफ बडौदा की कैश वैन से 1.2 करोड़ की लूट में संदीप सिंह गिरफ्तार हो गया और इसने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया तथा 7-8 महीने के बाद जमानत पर रिहा हो गया। जेल से छूटने के बाद अमन सिंह ने अयोध्या के प्रापर्टी डीलर फत्तेह वर्मा की हत्या, सीमा
हास्पिटल अतरौलिया आजमगमढ़ के मालिक सरोज पाण्डेय से रंगदारी मांगने व जानलेवा हमला, सुलतानपुर के पत्रकार करूण मिश्र की हत्या व धनबाद -झाखण्ड के डिप्टी मेयर व कोल व्यवसायी सुर्यदेव सिंह के भतीजे नीरज सिंह की हत्या व कई रंगदारी के अपराधों को अंजाम दिया। इसके बाद धनबाद में मार्च 2017 में नीरज सिंह की हत्या करने के बाद अमन सिंह की इसने अयोध्या के उदासीन आश्रम सहित वाराणसी व मीरजापुर के विभिन्न होटलों में छिपकर रहने की व्यवस्था करायी तथा लगातार उसके साथ रहा। इसी दौरान मीरजापुर जेल में ट्रिपल मर्डर के केस में बन्द रिन्कू सिंह से मिलने अमन सिंह के साथ मैं भी मीरजापुर जेल गया।
गौरतलब है कि झारखण्ड के अपर पुलिस महानिदेशक मुरारी लाल मीना ने फोन कर वांछित शूटर को गिरफ्तार करने वाली एसटीएफ टीम को 50,000 रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है। गिरफ्तार अभियुक्त के विरूद्ध अग्रिम विधिक कार्रवाई धनबाद-झारखण्ड के विवेचक अजय यादव द्वारा की जा रही है।
वार्ता