नए सिरे से होगा निकाय चुनाव- बदलेगा मेयर अध्यक्ष का आरक्षण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नगर निकाय के चुनाव कराने के लिए नगर निगम और पालिका परिषद अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रही है। नगर विकास विभाग की ओर से तैयार किए जा रहे प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा। संशोधन के अंतर्गत निकाय चुनाव में सीटों का आरक्षण ट्रिपल टेस्ट के आधार पर करते हुए मेयर और अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण में पूरी तरह से बदलाव किया जाएगा।
दरअसल उच्चतम न्यायालय की ओर से वर्ष 2010 में हुए ट्रिपल टेस्ट के आधार पर नगर निकाय की सीटों के आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। उत्तर प्रदेश में इसके बाद वर्ष 2012 और 2017 में पुरानी व्यवस्था के मुताबिक नगर निकाय चुनाव करा दिए गए थे। उत्तर प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव का मामला अदालत में चले जाने के बाद अब ट्रिपल टेस्ट की व्यवस्था को अधिनियम में शामिल करने की तैयारी नगर विकास विभाग की ओर से की जा रही है।
जिसका प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इसके लागू होने के बाद इस साल नगर निकाय चुनाव के लिए नगर विकास विभाग द्वारा जारी दोनों आरक्षण को शून्य घोषित कर दिया जाएगा। इस वर्ष होने वाले इलेक्शन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों के आधार पर पिछड़ों के लिए जिम्मेदारी तय करते हुए अब सीटों का आरक्षण किया जाएगा। जिससे भविष्य में होने वाले चुनाव को इसके आधार पर ही कराया जा सके।