विधायक की CM को चिट्ठी- SP पर लगाया आरोप- बताया जान का खतरा

विधायक की CM को चिट्ठी- SP पर लगाया आरोप- बताया जान का खतरा

नई दिल्ली। बिहार प्रदेश के जनपद खगड़िया की परबत्ता विधानसभा सीट से विधायक डॉ. संजीव कुमार ने मुख्यमंत्री को अपनी जान का खतरा बताते हुए एक पत्र लिखा है। पत्र में पुलिस अधीक्षक खगड़िया अमितेश कुमार पर विधायक ने कुछ आरोप लगाये हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उनकी विधानसभा तमाम थानों में खास जातियों के थाना प्रभारी हे। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है पुलिस मुख्यालय से आईजी हेडक्वार्टर से इसकी जांच की जाये।

परबत्ता विधानसभा सीट से विधायक डॉ. संजीव कुमार ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में चार थानों है। इन सभी थानों में एक ही जाति के थाना प्रभारी हैं। उन्होंने खगड़िया पुलिस अधीक्षक पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने थाना प्रभारी ही नहीं बल्कि जेएसआई भी उसे जाति का पदस्थापित किया है। विधायक डॉ. संजीव कुमार ने पत्र में कुछ थाना प्रभारियों के नाम के साथ लिखा है कि उनका अभियुक्तों के साथ उठना-बैठना है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि विशेष जाति के अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। उन्होंने कहा है कि उन्हें परबत्ता थानाध्यक्ष से अपनी जान का डर है। इसकी रिपोर्ट उन्होंने पुलिस अधीक्षक को सौंपी, जिन्होंने उस रिपोर्ट का नजरअंदाज कर दिया।

मुख्यमंत्री के पत्र में विधायक डॉ. संजीव कुमार ने विगत वर्ष चुनाव के दौरान उन पर हुए हमले की भी चर्चा की है। उन्होंने कहा है कि भागलुपर में खगड़िया के जदयू जिला उपाध्यक्ष्ज्ञ पप्पू भगत की हत्या कर दी गई थी, जिसमें उसकी विशेष जाति के लोगों का ही हाथ था। उन्होंने हत्या में शामिल बड़े अभियुक्तों को खुलेआम घूमने की बात कही है। विधायक ने कहा है खगड़िया पुलिस अधीक्षक जदयू कार्यकर्ताओं को झूठे केस में फंसाकर प्रताड़ित करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रूव कुमार शर्मा को इसी तरह झूठे केस में फंसाने की बात कही है। उन्होंने पत्र में लिखा कि जेल में बंद अपराधी उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। इसकी जानकारी कारागार गये उनके ही एक कार्यकता ने उनके पिता को दी है।

खगड़िया पुलिस अधीक्षक अमितेश कुमार ने कहा है कि माननीय विधायक डॉ. संजीव कुमार ने माननीय सीएम को पत्र लिखकर मुझ पर कुछ आरोप लगाये हैं तो इसमें में कैसे कह सकता हूं। मुझ पर लगे आरोप सही हैं या नहीं, यह तो हमारे वरिष्ठ अधिकारी ही बता सकेंगे।



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