बदमाशों का दुस्साहस-बाइक सवार बदमाशों ने किसान को गोलियों से भूना
मेरठ। खेतों पर काम करने के बाद घर लौट रहे किसान को रास्ते में मिले बाइक सवार बदमाशों ने गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया है। दिन निकलते ही हुई हत्या की इस वारदात से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने किसान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। पुलिस हत्या के पीछे घरेलू विवाद का मामला मानकर घटना की जांच पड़ताल कर रही है।
मेरठ जनपद के मवाना थाना क्षेत्र के गांव ततीना निवासी लगभग 60 वर्षीय सतपाल चौहान पुत्र रघुवर सोमवार की तड़के लगभग 4.30 बजे बाइक पर सवार होकर अपने खेतों पर काम करने के लिए गया था। लगभग 6.00 बजे काम समाप्त हो जाने के बाद किसान बाइक पर सवार होकर घर लौट रहा था। जिस समय किसान प्राथमिक स्कूल के पास स्थित सत्ते के मकान के सामने पहुंचा तो उसी समय पीछे से ओवरटेक करके आगे निकले बाइक सवार दो बदमाशों ने सतपाल चौहान का रास्ता रोक लिया। इससे पहले कि वह कुछ समझकर संभल पाते उससे पहले ही बाइक सवार बदमाशों ने किसान के ऊपर गोली चला दी जो सीधी सतपाल के पेट में जाकर लगी। गोली लगते ही सतपाल बाइक को वही गिराकर पास के मकान की तरफ जान बचाने के लिये भाग लिया। इसी बीच बाइक सवार बदमाशों ने दूसरी गोली किसान के पैर में मार दी। जिससे वह भागने में नाकामयाब रहा और वही जमीन पर गिर गया। गोली चलने और चीख-पुकार की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके की तरफ भागे।
इसी दौरान हमलावर फायरिंग करते हुए लोगों में दहशत फैलाकर फरार होने में कामयाब हो गए। मौके पर इकट्ठा हुए ग्रामीण लहूलुहान पड़े सतपाल को लेकर मवाना स्थित सीएचसी पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दिनदहाड़े गोली मारकर किसान को मौत के घाट उतार देने की सूचना पर इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह राठौर भी वहां पहुंच गए और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। घटना के संबंध में मृतक सतपाल के बेटे बिपेंद्र ने बताया है कि हत्या आरोपियों को पता था कि उसके पापा रोजाना सवेरे के समय खेतों पर काम करने के लिए जाते हैं।
पुलिस हत्या का कारण घरेलू विवाद मानकर चल रही है। बताया जा रहा है कि मृतक सतपाल के 2 पुत्र संजीव व बिपेंद्र के अलावा एक लड़की है। बड़ा बेटा संजीव गाजियाबाद में नौकरी करता था। वर्ष 2014 में उसकी शादी जनपद बागपत के पाली गांव निवासी शालिनी से हुई थी। वर्ष 2018 में गाजियाबाद में रहते समय संजीव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उसी समय से उसकी पत्नी 2 बच्चे एक लड़का व लड़की के साथ अपने मायके में रह रही थी। कई बार शालिनी को लाने का प्रयास भी किया गया। लेकिन उसने ससुराल आने से मना कर दिया था। जबकि छोटा बेटा बिपेंद्र भी शादीशुदा है और नोएडा कंपनी में नौकरी करता है।