चुनावी लाभ में डूबी सरकार को दिखाया आईना-लगाया लॉकडाउन
भोपाल । राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर बेकाबू हो गई है। रफ्तार के साथ प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या को देखते हुए राज्य के ज्यादातर शहरों में वीकेंड लॉक डाउन लगाया गया है। लेकिन दमोह में हो रहे उपचुनाव के चलते सरकार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद यहां पर वीकेंड लाॅकडाउन लगाने का साहस नही जुटा पाई है। लगातार बिगड़ती हुई स्थिति को सामने देख दमोह के एक कस्बे के लोगों ने एक अविस्मरणीय मिसाल पेश करते हुए सरकारी आदेशों के बगैर ही अपने यहां पर 2 दिन का लॉकडाउन लगाने का ऐतिहासिक और साहसिक फैसला लिया है।
दरअसल राज्य के भीतर चल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लगातार अपने पांव पसारते हुए लोगों को संक्रमण की चपेट में ले रही है। जिसके चलते रोजाना कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं। राज्य में दमोह इलाके में उपचुनाव हो रहा है जिसके चलते सरकार ने सख्ती बरतने के अलावा यहां पर वीकेंड लॉकडाउन लगाने की घोषणा नहीं की है। हालांकि राज्य में अन्य इलाकों में वीकेंड लॉकडाउन की व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है।
लेकिन उपचुनाव जीतने के मजबूरी में सरकार सख्ती बरतते हुए दमोह में लॉकडाउन जैसा नियम लागू नहीं कर पाई है। जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के चलते स्थानीय लोगों ने ऐतिहासिक व अविस्मरणीय फैसला लेते हुए स्वयं ही बिना किसी सरकारी आदेश के दो दिवसीय वीकेंड लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से जब पूछा गया कि पूरे प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन लगाया गया है लेकिन दमोह जिले में कोरोना संक्रमण के लगातार केस बढ़ने के बावजूद भी वीकेंड लॉकडाउन क्यों नहीं लगाया गया है? इस पर सीएम ने कहा कि दमोह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
उपचुनाव होने के चलते दमोह निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है। ऐसी स्थिति में सरकार ने वहां पर लाॅकडाउन नहीं लगाया है। दमोह जिले में भी कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है। स्थिति को गंभीर होते हुए देखकर दमोह जिले के एक कस्बे के लोगों ने खुद ही लाॅकडाउन लगाते हुए समूचे देश के आगे ऐतिहासिक और साहसिक नजीर पेश की है।