मनसुख हत्या मामला-मौत से पहले किया था संघर्ष-सुंघाया था क्लोरोफॉर्म
मुंबई। देश के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली संदिग्ध स्कॉर्पियो कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या मामले में रहस्य की परत दर परत रहस्य उधड रही है।
एटीएस का कहना है कि हत्या से पहले शायद मनसुख हिरेन को काबू में करने को उसे जबरिया क्लोरोफॉर्म दिया गया था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर एटीएस ने यह अंदेशा जाहिर किया है। पीएम रिर्पोट के मुताबिक मनसुख हिरेन की मौत से पहले ही उसके शरीर पर चोट के निशान थे। मनसुख हिरेन का शव बीती 5 मार्च को मुंबई के पास एक खाड़ी में मिला था। फिलहाल एनआईए की और से उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार के मामले की जांच की जा रही है और वह मनसुख हिरेन हत्या मामले को भी अपने हाथों में ले रही है।
मौजूदा समय में जांच अधिकारी इस बात का पता लगाने में जुटे हुए हैं कि वारदात को अंजाम देते समय निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे मौके पर मौजूद था अथवा नहीं। हालांकि टेक्निकल मोबाइल टावर और आईपी इवैल्यूएशन के आधार पर मिली जानकारी के मुताबिक यह पता चल रहा है कि जिस समय मनसुख हिरेन की हत्या हुई उस उस समय सचिन वाझे गाड़ी में ही मौजूद था। फिलहाल सचिन वाझे एनआईए की हिरासत में है और एजेंसी की ओर से उसके साथ लगातार पूछताछ की जा रही है।
उधर एटीएस ने 55 वर्षीय पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे और 31 वर्षीय नरेश धारे को भी इस मामले में अरेस्ट किया है। नरेश धारे एैक क्रिकेट बुकी है। फिलहाल इन दोनों से पूछताछ की जा रही है और कई फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से कुछ गाड़ियों के जरिए कोई क्लू तलाशने की कोशिशें हो रही है।