काम की तलाश रही बढ- नौकरियां नहीं रही मिल- बेरोजगारी दर 8 फ़ीसदी

काम की तलाश रही बढ- नौकरियां नहीं रही मिल- बेरोजगारी दर 8 फ़ीसदी

नई दिल्ली। देश में काम करने वाले लोगों पर वर्क बढ़ रहा है और काम तलाशने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन नौकरी के अवसर लगातार घटते जा रहे हैं। दिसंबर महीने में देश के भीतर बेरोजगारी की दर आठ फ़ीसदी से भी ज्यादा होकर अभी तक के सबसे उच्च स्तर पर जा पहुंची है।

बुधवार को सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी द्वारा जारी किए गए बेरोजगारी दर के आंकड़ों के मुताबिक इस महीने की 18 दिसंबर को समाप्त हुए हफ्ते में शहरी क्षेत्रों के भीतर बेरोजगारी दर 10, 9 फ़ीसदी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इसी अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर का आंकड़ा 8.4ः रहा है, जबकि नवंबर महीने में बेरोजगारी की यह दर 7.6 फ़ीसदी पर ही पहुंची थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के प्रमुख महेश व्यास के मुताबिक वर्ष 2020 में पहले लगे लॉकडाउन के बाद से यह दर 6 फ़ीसदी और 8 फ़ीसदी से आगे नहीं बढ़ सकी थी। लेकिन पिछले 1 हफ्ते के आंकड़े बताते हैं कि काम तलाशने वाले लोगों की संख्या में तो लगातार बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन नौकरियां बढ़ने के बजाय कम हो रही हैं। उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ महीनों में देश के भीतर बढ़ती बेरोजगारी की दर थोड़ी चिंताजनक है। इसे यह दलील देकर झुठलाया नहीं जा सकता है कि खेती में काम करने वाले मजदूर बदलते रहते हैं। पिछले 3 वर्ष की तुलना में भारत के भीतर रबी की फसल की कटाई का मौसम अभी तक सबसे बेहतर रहा है। इस साल रबी की क़रीब 91 फ़ीसदी फसल की कटाई हुई है जबकि पिछले 2 साल के भीतर यह आंकड़ा 88ः के आस-पास ही रहा था।

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