साहित्य समाज का है दर्पण: ठाकुर

साहित्य समाज का है दर्पण: ठाकुर

भोपाल। मध्यप्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा है कि साहित्य समाज का दर्पण है। साहित्यकार और लेखकों ने ही भारत की संस्कृति, परम्पराओं और मूल्यों से भावी पीढ़ी को अवगत कराया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार ठाकुर कल कुक्कुट भवन सभागार में साहित्य अकादमी के सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के श्रेष्ठ साहित्यकारों को सम्मान करके संस्कृति विभाग कृतज्ञ है। आपकी रचना का समाज ऋणी है। एक लेखक साहित्य की विभिन्न विधाओं से समाज में प्रेरणा, जन-जागरण और संवेदना का विस्तार करता है। आत्मनिर्भर और श्रेष्ठ भारत के निर्माण में सभी साहित्यकारों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

ठाकुर ने समारोह में वर्ष 2017 के अखिल भारतीय सहित प्रादेशिक पुरस्कार और वर्ष 2018 एवं 2019 के मध्यप्रदेश की छः बोलियों के प्रादेशिक कृति पुरस्कार प्रदान किए। अखिल भारतीय कृति पुरस्कारों के लिए एक लाख रुपए सम्मान राशि, प्रादेशिक और बोलियों के प्रादेशिक पुरस्कारों के लिए 51 हजार की सम्मान राशि के साथ शाल, श्रीफल और सम्मान पत्र प्रदान किया गया।

अखिल भारतीय पुरस्कार वर्ष 2017 के लिए संदीप देव को आत्मकथा के लिए विष्णु प्रभाकर सम्मान, संतोष तिवारी को संस्मरण के लिए निर्मल वर्मा सम्मान, संजय सिन्हा को रेखाचित्र के लिए महादेवी वर्मा सम्मान, डॉ विनोद बब्बर को यात्रा वृतांत के लिए प्रो. विष्णुकांत शास्त्री सम्मान, अमरनाथ श्रीवास्तव को अनुवाद के लिए भारतेंदु हरीशचंद्र सम्मान और सुरेश चिपलूनकर को फेसबुक/ब्लॉग/नेट के लिए नारद मुनि सम्मान प्रदान किया गया।

साथ ही प्रादेशिक पुरस्कार अयोध्या प्रसाद सोनी को संवाद पटकथा लेखन के लिए नरेश मेहता सम्मान, घनश्याम मैथिल 'अमृत' को लघु कथा के लिए जैनेंद्र कुमार जैन सम्मान, अरविंद शर्मा को एकांकी के लिए सेठ गोविंद दास सम्मान, मुकेश जोशी को व्यंग के लिए शरद जोशी सम्मान, छोटेलाल पांडे को गीत के लिए वीरेंद्र मिश्र सम्मान और मनीष जैन 'रौशन' को गजल के लिए दुष्यंत कुमार सम्मान दिया गया। इसके साथ ही मध्यप्रदेश की 6 बोलियों के प्रादेशिक कृति पुरस्कार दिया गया।

वार्ता

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