कांवड़ यात्रा-गंगाजल लेने गए हरिद्वार तो होगा मुकदमा दर्ज
हरिद्वार। श्रावण मास के कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के बाद उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ियों को तीर्थ नगरी आने से रोकने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है।श्रावण मास के कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के बाद उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ियों को तीर्थ नगरी आने से रोकने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है।कोरोना वायरस की तीसरी लहर के मद्देनजर चौकसी बरत रही सरकार ने साफ तौर पर कह दिया है कि यदि गंगाजल लेने के लिए कांवड़िए हरिद्वार आते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। राज्य की सीमाएं 24 जुलाई से बंद कर दी जाएगी।
बुधवार को उत्तराखंड पुलिस ने कहा है कि श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लगने वाली राज्य की सभी सीमाओं को 24 जुलाई से ही पूरी तरह सील कर दिया जाएगा। गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार आने वाले किसी भी कांवड़िए को अनुमति नहीं दी जाएगी। अलबत्ता गंगाजल लेने के लिए यदि टैंकर हरिद्वार आते हैं तो पुलिस द्वारा इस काम में पूरा सहयोग किया जाएगा। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर के चलते श्रावण मास की कांवड़ यात्रा इस साल भी रद्द रहेगी। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा की अनुमति के मद्देनजर कांवड़ियों के हरिद्वार आने की आशंकाओं को लेकर राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगले सप्ताह तक सभी अंतरराज्यीय चेकपोस्ट पर अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले कांवड़ियों को समझा कर वापस किया जाएगा, फिर भी किसी ने जबरदस्ती की तो पुलिस सख्ती से काम लेगी।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस अपनी तरफ से अन्य राज्यों के अधिकारियों के साथ सम्पर्क में है। कोशिश की जा रही है कांवड़िए उत्तराखंड का रुख ना करें। विशेष परिस्थितियों में यदि राज्य सरकारें, प्रशासन या कांवड़ समितियां टैंकर से गंगाजल ले जाने की अनुमति मांगते हैं तो अधिकतम दो लोगों को राज्य में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जाएगी। पुलिस इस काम में उनकी मदद कर सकती है।