कोराना से जंग-युवा चिकित्सकों के लिए नजीर बने हैं डॉ. शशांक शेखर सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद मुख्यालय स्थित कोविड हॉस्पिटल फातिमा अस्पताल के युवा चिकित्सक रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. शशांक शेखर सिंह ने वर्तमान समय में वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में 100 बेड के कोविड फातिमा अस्पताल में बढ़चढ़कर अपने चिकित्सकीय दायित्वों का निर्वहन करने में जुटे हुए हैं।
एक तरफ जहां अधिकतर चिकित्सक कोरोना की भयावहता को देखते हुए कोविड मरीजों का चिकित्सकी परीक्षण करने से अपने हाथ खड़े कर लिए हैं, वहीं इस विपरित परिस्थिति में फातिमा अस्पताल के युवा चिकित्सक डॉ. शशांक शेखर सिंह फातिमा कोविड अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों का चिकित्सकीय परीक्षण का बीड़ा उठाकर अन्य चिकित्सकों के लिए नजीर बने हुए हैं।
बंगलुरू स्थित राजीव गांधी विश्वविद्यालय से वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक बीएएमएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद युवा चिकित्सक डॉ. शशांक शेखर सिंह अपने गृह जनपद मऊ आकर लोगों को चिकित्सकीय सेवा देना शुरु किया । इस क्रम में युवा चिकित्सक ने वर्ष 2019 में लोगों की सेवा में तत्पर प्रसिद्ध हास्पिटल फातिमा अस्पताल में रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर के रुप में अपनी सेवा करना शुरु कर दिया ।
आज जब अधिकतर चिकित्सक कोरोना की भयावहता को देखते हुए अपने दायित्वों से पीछे मुंह मोड़ ले रहे हैं, ऐसी विपरित परिस्थिति में जिले के वरिष्ठ पत्रकार एवं अधिवक्ता प्रदीप सिंह के इकलौते पुत्र डॉ. शशांक शेखर सिंह अपनी चिकित्सकीय सेवा के बल पर लोगों के लिए नजीर साबित हो रहे हैं।
डॉ. शशांक शेखर सिंह द्वारा निष्ठा व ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने पर पत्रकारों, चिकित्सकों, वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस अधिकारियों ने प्रसन्नता का इजहार करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है ।