कूड़ा ठिकाने लगाने की जल्दबाजी में गाय को ही नीचे दबाया

कूड़ा ठिकाने लगाने की जल्दबाजी में गाय को ही नीचे दबाया

खतौली। कूड़ा डालने का कोई निश्चित स्थान नहीं होने की वजह से चोरी छिपे इधर-उधर डालकर ठिकाने लगाए जाने वाले कूड़े को फेंककर भागने की जल्दबाजी में पालिका के सफाई कर्मियों ने मरी हुई गाय के ऊपर भी कूड़ा डाल दिया और मौके से चलते बने। आवारा कुत्तों द्वारा मरी हुई गाय को नोचे जाने की जानकारी के बाद मौके पर पहुंचे सामाजिक संस्था के कार्यकर्ताओं ने गाय के क्षत-विक्षत शव को अंतिम संस्कार कर ठिकाने लगाया है।

दरअसल नगर पालिका परिषद की ओर से नजदीकी गांव मुबारकपुर तिगाई में कूड़ा डालने के लिए डंपिंग ग्राउंड स्थापित किया गया है। लेकिन उक्त प्लांट पर पहुंचे कूड़े को समय से ठिकाने नहीं लगाए जाने की वजह से गांव वालों ने विरोध करते हुए उस डंपिंग ग्राउंड पर कूड़ा डालना बंद कर दिया था।

उस दिन से नगर पालिका परिषद की ओर से चिन्हित किए गए डंपर ग्राउंड पर पड़े कूड़े को ठिकाने लगवाते हुए उसे दोबारा से चालू किए जाने की जहमत नहीं उठाई गई। परिणाम स्वरूप रोजाना नगर से निकलने वाले कूड़े को पालिका के कर्मचारी चोरी छिपे इधर-उधर डालकर ठिकाने लगा रहे हैं।

नगर पालिका के कर्मचारी जिस समय गंगा नहर पटरी मार्ग पर कूड़े को चोरी से ठिकाने लगाकर भागने की कोशिश में गंग नहर पटरी मार्ग पर कूड़े को डालने के लिए पहुंचे थे तो उन्होंने जल्दबाजी में वहां मरी हुई गाय के ऊपर ही कूड़े को डाल दिया और मौके से फरार हो गए।

मंगलवार को जब आवारा कुत्ते सूंघते हुए गाय के शव तक पहुंच गए और उन्होंने मरी हुई गाय को खाकर क्षत-विक्षत करना शुरू कर दिया तो पटरी मार्ग से होते हुए गुजर रहे लोगों को गाय के ऊपर कूड़ा फेंककर भागने और कुत्तों के नोचकर खाने के मामले की जानकारी मिली तो नागरिकों द्वारा तुरंत आवारा पशुओं के लिए काम करने वाली सामाजिक संस्था एलआईसी एनिमल वेलफेयर के पदाधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया गया।

गाय माता की ऐसी दुर्दशा को देखकर तुरंत सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और पुलिस को मौके पर बुलाया गया। इसके बाद गाय के शव को कूड़े के ढेर से निकलवाकर कार्यकर्ताओं ने अंतिम संस्कार करते हुए उसे ठिकाने लगाया है।

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