इंजीनियर हो तो ऐसी-13 साल की नौकरी में ही वारे के न्यारे कर बनी करोडीमल

इंजीनियर हो तो ऐसी-13 साल की नौकरी में ही वारे के न्यारे कर बनी करोडीमल

भोपाल। पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में संविदा पर प्रभारी सहायक यंत्री की नौकरी करने वाली महिला इंजीनियर पूरी तरह से करोड़ीमल निकली है। लोकायुक्त की टीम की ओर से की गई छानबीन में 30000 रुपए प्रति महीने की सैलरी पाने वाली महिला इंजीनियर 13 साल के भीतर 332 फ़ीसदी ज्यादा प्रॉपर्टी अर्जित करते हुए खेती की जमीन, टीवी, गाड़ियां, आदि की मालिक बन गई।

दरअसल लोकायुक्त टीम द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में संविदा के आधार पर प्रभारी सहायक यंत्री के पद पर काम करने वाली हेमा मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर छापामार कार्यवाही करते हुए आरोपों की जांच पड़ताल की गई थी। लोकायुक्त टीम की ओर से की गई जांच में पता चला कि प्रभारी सहायक यंत्री के पद पर काम कर रही महिला इंजीनियर हेमा मीणा की हर महीने की तनख्वाह 30 हजार रुपए है और महिला इंजीनियर ने आलीशान कोठी के अलावा फार्म हाउस एवं दफ्तर आदि बना रखा है।

खबरों के मुताबिक लोकायुक्त टीम की ओर से की गई जांच पड़ताल में महिला इंजीनियर के पास 7 करोड़ रुपए की संपत्ति होना पाई गई है जो महज 13 साल की नौकरी में महिला इंजीनियर ने अर्जित की है। महिला सब इंजीनियर के घर से 30 लाख रुपए की कीमत का तो केवल टीवी ही बरामद किया गया है। इसके अलावा महिला सब इंजीनियर की ओर से बनाए गए आलीशान फार्म हाउस में 70 से 80 गाय बंधी हुई मिली है। दरअसल वर्ष 2020 में महिला सब इंजीनियर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत की गई थी। महिला इंजीनियर के बंगले पर की गई छानबीन में 20 से भी ज्यादा लग्जरी कार खड़ी मिली है।

मजेदार तथ्य यह है कि मौजूदा मोबाइल फोन के युग में महिला सब इंजीनियर आज भी बंगले के कर्मचारियों से बात करने के लिए वॉकी टॉकी का इस्तेमाल करती है, कोई अपना मोबाइल महिला सब इंजीनियर के घर में इस्तेमाल नहीं कर सके, इस पर रोक के लिए बंगले में जैमर भी लगा हुआ है। छानबीन में पता चला है कि महिला इंजीनियर ने अपने इस आलीशान बंगले को एक करोड़ रुपए की लागत में बनवाया है। लोकायुक्त पुलिस द्वारा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन की प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा के भोपाल, विदिशा और रायसेन ठिकानों पर यह छापामार कार्यवाही की गई है।

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