हाईकोर्ट ने बरी हुए मंत्री की फिर से खोल दी फाइल-सीजेआई....
नई दिल्ली। उच्च शिक्षा मंत्री और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के पुराने मामले को दोबारा से खोले जाने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मद्रास हाई कोर्ट के जज की जमकर तारीफ की गई है। शीर्ष न्यायालय ने हाईकोर्ट के जज की तरफ से दाखिल किए गए कारणों को सही मानते हुए मंत्री द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।
तमिलनाडु सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुदि और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के एक पुराने मामले को दोबारा से उठाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के जज की जमकर तारीफ करते हुए कहा है कि शुक्र है आपके जैसे जज आज भी है।
उच्च न्यायालय के जस्टिस एन आनंद वेंकटेश की ओर से एक आदेश जारी करते हुए तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री और उनकी पत्नी के मामले को ट्रायल कोर्ट में स्थानांतरित करने और बाद में उनके बरी होने के मुद्दे को उठाया था। अब मंत्री ने याचिका के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उनकी तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल एवं मुकुल रोहतगी अदालत में पेश हुए। जस्टिस वेंकटेश की ओर से कारण बताते हुए कहा गया है कि उन्होंने मंत्री और उनकी पत्नी के खिलाफ आपराधिक पुनरीक्षण का मामला क्यों शुरू कराया है। मुख्य बात यह रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी जस्टिस की ओर से बताए गए कारणों को सही मानते हुए मंत्री की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।