हाईकोर्ट ने मायावती को दी राहत- आपराधिक कार्यवाही रद्द
बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती और पार्टी के नेता सतीश चंद्र मिश्रा को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ एक सरकारी कर्मचारी पर हमला करने के मामले में आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया।
(बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कर्नाटक में 2013 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर चुनाव अधिकारियों को अपने पास बरामद हुए पैसे गिनने की अनुमति नहीं दी थी और नोट वापस छीन लिए थे।
चूंकि गिनती पूरी नहीं हुई थी, अधिकारियों ने दोबारा गिनने के लिए पैसे मांगे। इसके जवाब में मायावती ने बताया कि उनके पास मिले एक लाख रुपये में से केवल 50,000 रुपये उनके थे और बाकी मिश्रा के थे।
अदालत ने कहा कि केवल हैंडबैग को छीनना और अभियोजन पक्ष को नोट गिनने की अनुमति नहीं देना एक सरकारी कर्मचारी पर आपराधिक हमला नहीं माना जाएगा।
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा, "जहां तक आईपीसी की धारा 353 का संबंध है, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आपराधिक बल या हमले का प्रयोग होना जरूरी है। इस मामले के तथ्यों में ध्यान देने योग्य बात यह है कि शिकायतकर्ता को नोटों की गिनती से रोका गया था। शिकायत में एकमात्र दावा यह है कि नोटों के बंडल को गिनने नहीं दिया गया और इसे अधिकारी के हाथ से छीन लिया गया था।"
अदालत ने कहा, "यह अपने आप में, जो कि शिकायतकर्ता का संस्करण है, पर्याप्त नहीं होगा, भले ही इसे आईपीसी की धारा 353 के तहत आपराधिक बल के रूप में स्वीकार कर लिया जाए।"
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के स्पष्टीकरण को निर्वाचन आयोग द्वारा स्वीकार किए जाने के मद्देनजर, वर्तमान कार्यवाही को जारी रखना न्यायसंगत नहीं होगा और याचिका को खारिज किया जाता है।
वार्ता