रालोद से ही रहे थे वारिस विधायक- हाथ छोड़कर फिर थामा रालोद का दामन
शामली। थानाभवन विधानसभा सीट से पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस ने अपनी माता राव मुसरत बेगम के साथ दिल्ली राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के आवास पर पहुंचकर आज कांग्रेस का हाथ छोडकर रालोद का दामन थाम लिया है। अब्दुल वारिस राव रालोद से ही पहली बार विधायक रहे थे।
गौरतलब है कि वर्ष 2007 में विधानसभा सीट से पहली बार रालोद के टिकट पर अब्दुल वारिस राव विधायक चुने गये थे। इसके पश्चात वह हाथी पर सवार हो गये। वर्ष 2012 और 2017 विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर ही थानाभवन विधानसभा सीट से चुनाव लडे़ थे। वह वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे। बसपा में रहते हुए अब्दुल वारिस राव नसीमुद्दीन सिद्दीकी के करीबी हो गये थे।
जब बसपा में रहे पूर्व मंत्री नसीमुद्दीनप सिद्दीकी को मायावती ने पार्टी से निकाला तो नसीमुद्दीनप सिद्दीकी ने कांग्रेस के हाथ को पकड़ लिया था। इसी दौरान राव अब्दुल वारिस ने वर्ष 2018 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। आज पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस राव ने अपनी माता राव नुसरत बेगम के साथ दिल्ली राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के आवास पर पहुचंकर उन्होंने प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक चैधरी की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ छोडकर रालोद का दाम थाम लिया है।