नगर निकाय चुनाव में दिखाई देगा हाथ, कमल, साइकिल और हाथी
लखनऊ।राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अगले दिनों होने जा रहे नगर निकाय चुनाव को लेकर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिए निर्वाचन प्रतीक आरक्षित किए गए हैं, जिन्हें विधिवत तौर पर जारी भी कर दिया गया है। जिसके चलते नगर निकाय चुनाव में उत्तर प्रदेश में मुख्य राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह मतदाताओं को दिखाई देंगे।
बृहस्पतिवार को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी नगर निकाय चुनाव को लेकर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिए आरक्षित किये गये निर्वाचन प्रतीक जारी कर दिए गए है। नेशनल कांग्रेस पार्टी को टेबल घड़ी, बहुजन समाज पार्टी का हाथी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लिए हंसियां दराती, भारतीय जनता पार्टी का कमल का फूल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का निशान हाथ, जनता दल यूनाइटेड दल को तीर, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी को सितारों सहित झंडा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को हथोड़ा हंसिया और सितारा, समता पार्टी को मशाल, समाजवादी पार्टी को साइकिल, राष्ट्रीय लोकदल को हैंडपंप, राष्ट्रीय जनता दल को लानटेन तथा लोक जनशक्ति पार्टी को बंगला चुनाव चिन्ह जारी किया गया है। अब देखने वाली बात यह रह गई है कि आगामी नगर निगम चुनाव में राजनीतिक दल आवंटित किए गए चुनाव चिन्ह पर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने का साहस दिखा पाते हैं या नहीं।
आमतौर पर अभी तक उत्तर प्रदेश में चल रही परिपाटी के मुताबिक कोई भी राजनीतिक दल त्रिस्तरीय पंचायत और नगर निकाय चुनाव में अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार लड़ाने की कोशिश नहीं करता है। क्योंकि चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ाने का राजनैतिक दलों को यह फायदा रहता है कि निर्दलीय निर्वाचित हुए कैंडिडेट को अपना बताने में आसानी हो जाती है।
खासतौर पर सत्ताधारी दल के लिए निर्वाचित हुए जनप्रतिनिधि को अपना बताना आसान रहता है और निर्वाचित हुआ जनप्रतिनिधि भी सत्ताधारी दल से जुडने को अपने लिये लाभ का सौदा समझता है। जिसके चलते सत्ताधारी दल नगर निकाय या पंचायत चुनाव में अपनी बंपर जीत के दावे करने में सफल हो जाता है।