फ्रेट स्मार्ट सिटी की तैयारी कर रही है सरकार
नई दिल्ली। शहरों क्षेत्र में मालवहन सुगम बनाने और ई.कॉमर्स के बढ़ते बाजार को देखते हुए सरकार फ्रेट स्मार्ट सिटी योजना पर काम रही है जिससे ढुलाई की लागत में कमी आयेगी और आपूर्ति किफायती तथा तेजी से होगी।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि बढ़ते शहरीकरण, ई-कॉमर्स और इसमें माल की विनिर्माण केंद्रों से उपभोक्ता तक आवाजाही को सुगम बनाने के लिए लॉजिस्टिक्स विभाग शहरों में माल ढुलाई गतिविधियों को सुधारने के लिये योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है।
आंकड़ों के अनुसार शहरी माल ढुलाई की मांग अगले 10 वर्षों में 140 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। वर्तमान में शहरों में उपभोक्ताओं तक माल पहुंचाने के अंतिम चरण में माल ढुलाई गतिविधियों की लागत ई-कॉमर्स आपूर्ति श्रृंखला की कुल लागत का 50 प्रतिशत है। जानकारों का कहना है कि शहरों के लॉजिस्टिक्स में सुधार माल ढुलाई गतिविधियों को और भी बेहतर बनायेगा और लागत में कमी से अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार शुरु में दस शहरों में लाजिस्टिक योजना शुरु की जाएगी और बाद में इसे 75 शहरों तक बढ़ाया जाएगा। प्रयाेगों की सफलता के बाद इसका पूरे देश में विस्तार किया जाएगा। शहरों की सूची को राज्य सरकारों की सलाह से अंतिम रुप जाएगा।
जारी वार्ता
सूत्रों के अनुसार शहरों में मालवहन पर सबसे पहले जनवरी, 2021 को राज्यों के साथ चर्चा की गयी थी। इसके बाद एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से शुरुआत के लिये, दस शहरों की पहचान करने का आग्रह किया है जिन्हें फ्रेट स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा। राज्यों सरकारों और प्रशासनों से फ्रेट सेंटर विकसित करने, रात के समय डिलीवरी, ट्रक रूट विकसित करने, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम और आधुनिक तकनीकों का उपयोग, शहरी माल ढुलाई में विद्युतीकरण को बढ़ावा देने और पार्सल डिलीवरी टर्मिनल विकसित करने को कहा गया है।
सूत्रों ने बताया कि फ्रेट स्मार्ट सिटी येाजना के तहत शहर स्तर पर लॉजिस्टिक्स समितियों का गठन किया जायेगा। इन समितियों में संबंधित सरकारी विभाग और स्थानीय स्तर की एजेंसियां, राज्य और प्रतिक्रिया देने वाले केंद्रीय मंत्रालय और एजेंसियां शामिल होंगी। इनमें लॉजिस्टिक्स सेवाओं से जुड़ा निजी क्षेत्र और साथ ही लॉजिस्टिक्स सेवाओं के उपयोगकर्ता भी शामिल होंगे। ये समितियां स्थानीय स्तर पर प्रदर्शन सुधारने के उपायों को लागू करने के लिए मिल जुल कर शहर की लॉजिस्टिक्स योजनायें तैयार करेंगी।
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